दिल्ली हाई कोर्ट से कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को बड़ा झटका लगा है। आईएनएक्स मीडिया केस में हाई कोर्ट ने चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी। कोर्ट से पूर्व वित्त मंत्री ने 3 दिन की मोहलत मांगी है। हाई कोर्ट से अग्रिम जमानत अर्जी खारिज होने के बाद पी चिदंबरम सुप्रीम कोर्ट पहुंचे लेकिन उन्हें राहत नहीं मिली। वहीं, सीबीआई की एक टीम उनके घर पहुंची। खबर है कि चिदंबरम वहां नहीं मिले, इसके बाद टीम वहां से वापस लौट आई। साथ ही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम भी चिदंबरम के घर पहुंची।
सुप्रीम कोर्ट ने चिदंबरम की गिरफ्तारी पर तत्काल सुनवाई से इनकार करते हुए इसे बुधवार को सुनने की बात कही थी। चिदंबरम अपने साथी वकीलों के साथ सुप्रीम कोर्ट में शाम 5 बजे तक मौजूद थे। इसके बाद वह कहां गए थे, इसकी जानकारी नहीं है।
क्या है मामला
चिदंबरम पर आईएनएक्स मीडिया को फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रोमोशन बोर्ड से गैरकानूनी रूप से स्वीकृति दिलाने के लिए 305 करोड़ रुपये की रिश्वत लेने का आरोप है। इस केस में अभी तक चिदंबरम को कोर्ट से करीब दो दर्जन बार अंतरिम प्रोटेक्शन यानी गिरफ्तारी पर रोक की राहत मिली हुई है। ये मामला 2007 का है, जब पी चिदंबरम वित्त मंत्री के पद पर थे।
आरोप है कि आईएनएक्स मीडिया को फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रोमोशन बोर्ड से गैरकानूनी रूप से स्वीकृति दिलाने के लिए 305 करोड़ रुपये की रिश्वत ली। इस मामले में सीबीआई और ईडी पहले ही चिदंबरम के बेटे कार्ति को गिरफ्तार कर चुकी हैं। वह फिलहाल जमानत पर हैं। इस मामले में अहम मोड़ तब आया, जब इंद्राणी मुखर्जी 4 जुलाई को सरकारी गवाह बन गईं।
बेटे कार्ति चिदंबरम पर भी आरोप
2017 में सीबीआई ने इस मामले में फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रोमोशन बोर्ड से मिली स्वीकृति में गड़बड़ी पर एफआईआर दर्ज की जबकि ईडी ने 2018 में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया। इस मामले में आईएनएक्स मीडिया की मालकिन और आरोपी इंद्राणी मुखर्जी को इस केस में अप्रूवर बनाया गया और इसी साल उनका स्टेटमेंट भी रिकॉर्ड किया गया। सीबीआई के मुताबिक मुखर्जी ने गवाही दी कि उसने कार्ति चिदंबरम को 10 लाख रुपए दिए।