जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के प्रमुख और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में साफ कर दिया है कि आगामी 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का हिस्सा होगी लेकिन बिहार से बाहर जेडीयू एनडीए का हिस्सा नहीं होगी। जेडीयू जम्मू-कश्मीर, झारखंड, हरियाणा और दिल्ली में अकेले चुनाव मैदान में उतरेगी।
‘बिहार में हम एनडीए के साथ’
नीतीश कुमार ने कहा कि मन में किसी प्रकार का भ्रम न रखें, हम लोग एनडीए में हैं, एनडीए में ही रहेंगे। बिहार में 2020 का चुनाव साथ लड़ेंगे। उन्होंने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि जेडीयू बिहार में भले बीजेपी के साथ चुनाव लड़ेगी लेकिन राज्य के बाहर वह (जेडीयू) अकेले ही चुनाव मैदान में उतरेगी।
नाराजगी की अटकलों को नीतीश ने किया खारिज
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान से मंत्री पद को लेकर कहा जाता रहा कि जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से नाराज है। हालांकि, इन तमाम बातों को जेडीयू प्रमुख और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को खारिज कर दिया है।
आरजेडी और आरएलएसपीने नीतीश पर कसा था तंज
कुछ दिनों पूर्व राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा था कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कभी भी पाला बदल सकते हैं और इसमें किसी को कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसा पहले भी कई बार हो चुका है। राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने भी बीजेपी को नसीहत दी थी। उन्होंने कहा था, 'मैं भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को बताना चाहता हूं कि नीतीश कुमार जनता के जनादेश को अनादर करने के लिए जाने जाते हैं। जनता और गठबंधन सहयोगियों को धोखा देना उनकी पुरानी आदत है। इस वजह से बीजेपी को धोखा नंबर-2 के लिए अब तैयार रहना चाहिए। उनके बारे में यह भी कहना गलत नहीं कि ऐसा कोई सगा नहीं जिनको नीतीशजी ने ठगा नहीं।'