किसानों की खराब हालत देखते हुए झारखंड के हेमंत सोरेन की सरकार ने किसानों को कर्ज से राहत दिलाने का फैसला किया है। इस पर करीब दो हजार करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे। राशि उन्हें कैसे मिले इसके लिए सरकार रणनीति तय कर रही है। इस संबंध में कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने मंगलवार को अधिकारियों के साथ विमर्श किया।
कृषि मंत्री ने काहा कि राज्य के किसानों को सुदृढ़ करने की दिशा में तेजी से काम हो रहा है। सरकार ऐसे किसानों की लिस्ट बना रही है जिन्होंने विभिन्न बैंकों से कर्ज लिया है और चुकाने में असफल रहे हैं। मंगलवार को वे नेपाल हाउस स्थित सचिवालय में विकास आयुक्त सहित विभागीय अधिकारियों के साथ किसान ऋण योजना को लेकर बैठक कर रहे थे। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि बैंक किसानों के बकाया ऋण को माफ करने की दिशा में कितना और कैसे सहयोग दे सकते हैं, इस पर बात हो। बैंक में जिन किसानों के खाते एनपीए हो गये हैं उन खातों को समाहित करते हुए वन टाइम सेटलमेट की योजना पर काम किया जाये ताकि किसानों को फौरी तौर पर राहत दी जा सके। 20 अक्टूर को इस मसले पर अधिकारियों के साथ फिर बैठक होगी उसके बाद बैंक अधिकारियों के साथ बैठक कर अंतिम निर्णय लिया जायेगा।
ज्ञात हो कि किसानों को राहत दिलाने के लिए सरकार ने अल्पकालिक कृषि ऋण राहत योजना शुरू करने का एलान किया है। इसके लिए बजट में दो हजार करोड़ का प्रावधान किया जा चुका है। पहले 25 हजार रुपये और बाद में 50 हजार रुपये तक के ऋण की माफी की योजना पर काम चल रहा है। हेमंत सरकार ने अपने चुनाव घोषणा पत्र में भी इसका एलान किया था। विभागीय सूत्रों के अनुसार झारखंड के कोई पांच लाख किसान कर्ज में डूबे हैं जिनमें अधि संख्य ने किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से कर्ज लिया है। इसी माह मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने किसानों के दो हजार करोड़ रुपये कर्ज माफी की मंजूरी दी है जिसकी घोषणा झारखंड दौरे पर आये झारखंड कांग्रेस के प्रभारी आरपीएन सिंह ने की थी।