कर्नाटक विधानसभा चुनावों में आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों को टिकट देने के मामले में भारतीय जनता पार्टी पहले स्थान पर है। जबकि कांग्रेस दूसरे नंबर पर है।
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की एक रिपोर्ट में यह तथ्य सामने आए हैं। एडीआर ने 2,560 उम्मीदवारों द्वारा दायर हलफनामे का विश्लेषण करने के बाद रिपोर्ट जारी की, जिसमें कहा गया कि 391 उम्मीदवारों ने खुद के खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं।
"प्रमुख दलों में भाजपा के 224 उम्मीदवारों में से 83 (37%), कांग्रेस के 220 उम्मीदवारों में से 59 (27%), जनता दल (सेक्युलर) के 199 उम्मीदवारों में से 41 (21%) (एस)], जदयू के 25 उम्मीदवारों में से 5 (20%), आम आदमी पार्टी के 27 उम्मीदवारों में से 5 (19%) ने खुद के खिलाफ आपराधिक मामलों का ऐलान किया है।
वहीं रिपोर्ट में कहा गया है कि 1090 निर्दलीय उम्मीदवारों में से 108 (10%) ने अपने हलफनामे में खुद के खिलाफ आपराधिक मामलों की घोषणा की है।
रिपोर्ट के अनुसार 254 (10%) उम्मीदवार ऐसे हैं जिन्होंने खुद के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं। चार उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ हत्या का मामला (भारतीय दंड संहिता धारा -302) घोषित किया है और 25 उम्मीदवारों ने हत्या के प्रयास ( भारतीय दंड संहिता धारा -307) से संबंधित मामलों की घोषणा की है। जबकि 23 उम्मीदवारों ने महिलाओं के खिलाफ अपराध से संबंधित मामलों की घोषणा की है।
एडीआर ने कर्नाटक के विधानसभा की 56 सीटों को संवेदनशील बताया है, जहां चुनाव में खड़े उम्मीदवारों में से कम से कम 3 पर आपराधिक मामले दर्ज हैं।
एडीआर रिपोर्ट का कहना है कि 2560 उम्मीदवारों में से लगभग 883 (35%) उम्मीदवार करोड़पति हैं। जिसमें भाजपा के 224 उम्मीदवारों में से 208 (93%), कांग्रेस के 220 उम्मीदवारों में से 207 (94%), जेडी (एस) के 199 उम्मीदवारों में से 154 (77%), जदयू के 25 में से 13 (52%) उम्मीदवार, आम आदमी पार्टी के 27 में से 9(33%) उम्मीदवार और 1090 निर्दलीय उम्मीदवारों में से 199 (18%) ने 1 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति घोषित की है।