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कर्नाटक का मुख्यमंत्री बनते ही येदियुरप्पा ने क्यों किया अपने नाम में बदलाव

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीएस येदियुरप्पा ने एक बार फिर कर्नाटक के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली।...
कर्नाटक का मुख्यमंत्री बनते ही येदियुरप्पा ने क्यों किया अपने नाम में बदलाव

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीएस येदियुरप्पा ने एक बार फिर कर्नाटक के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। उन्होंने शुक्रवार को राज्यपाल वजुभाई वाला से मिल कर सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया। वह चौथी बार राज्य के मुख्यमंत्री बने। शपथ से पहले येदियुरप्पा ने अपने नाम में बदलाव किया है। राज्यपाल को जो पत्र उन्होंने सौंपा है उसमें उन्होंने अपने नाम में से एक ‘D’ घटाया है और एक ‘I’ को जोड़ा है।

दरअसल, बीएस येदियुरप्पा अभी तक अपने नाम की स्पेलिंग B.S. Yeddyurappa लिखते आए हैं, लेकिन अब राज्यपाल को जो उन्होंने सरकार बनाने का दावा पेश किया है, उसमें B.S. Yediyurappa लिखा है। उन्होंने ज्योतिषी के कहने पर ऐसा किया है।

पहले ‘I’ के साथ ही लिखते थे अपना नाम

अपने राजनीतिक करिअर की शुरुआत से ही बीएस येदियुरप्पा B.S. Yediyurappa इसी स्पेलिंग का इस्तेमाल करते आए हैं। फिर चाहे वह 1975 में उनका पहला चुनाव हो या 2007 में सिर्फ 7 दिन के लिए मुख्यमंत्री बनना रहा हो, लेकिन बाद में अंक ज्योतिषों के कहने पर उन्होंने मुख्यमंत्री रहते हुए B.S. Yeddyurappa ही लिखा। अब एक बार फिर वह अपने पुराने नाम पर लौटे हैं।

चौथी बार बने कर्नाटक के मुख्यमंत्री

बीएस येदियुरप्पा चौथी बार कर्नाटक के मुख्यमंत्री बने हैं। इससे पहले जब तीन बार वह सीएम बने तो एक बार भी अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए। कर्नाटक में भारी सियासी उथल-पुथल के बाद कर्नाटक भाजपा के अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा ने चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। राज्यपाल वजुभाई वाला ने उन्हें राजभवन में पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। बीएस येदियुरप्पा ने 29 जुलाई सोमवार को विधानसभा में बहुमत सिद्ध करने का फैसला लिया है। बता दें कि राज्यपाल ने उन्हें 31 जुलाई तक कर्नाटक विधानसभा में बहुमत साबित करने का वक्त दिया है।

पिछली सरकार में गवर्नेंस नहीं था: येदियुरप्पा

कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने शपथ ग्रहण करने बाद कहा कि पिछली सरकार में गवर्नेन्स नहीं था। हमें इसका समाधान करने की जरूरत है। हम अच्छी तरह दिखाएंगे कि हमारी सरकार, पिछली सरकार से किस तरह अलग है। उन्होंने कहा कि बदले की राजनीति नहीं करूंगा। हम सब कुछ भूलकर आगे बढ़ेंगे। येदियुरप्पा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया और प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना के तहत 6 हजार वार्षिक किसानों को देने और 100 करोड़ बुनकर लोन माफ करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि किसानों को इस योजना की पहली किश्त में 4 हजार दिए जाएंगे।

विश्वासमत पर अभी भी संशय

बीएस येदियुरप्पा ने शुक्रवार को राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया था। येदियुरप्पा को 31 जुलाई तक कर्नाटक विधानसभा में विश्वास मत हासिल करना होगा। हालांकि इस नई सरकार पर भी संकट के बादल अभी से मंडरा रहे हैं। दरअसल गुरुवार को ही स्पीकर रमेश कुमार ने तीन बागी विधायकों को दल-बदल रोधी कानून के तहत अयोग्य घोषित कर दिया है। इसके अलावा 14 बागी विधायकों के इस्तीफे पर स्पीकर ने अभी कोई फैसला नहीं लिया है। इस तरह असेंबली की स्ट्रेंथ अब भी 222 बनी हुई है। ऐसे में बहुमत साबित करने के लिए येदियुरप्पा को 112 विधायकों का समर्थन चाहिए होगा। जबकि उनके पास अभी 106 विधायकों का ही समर्थन है।

मंगलवार जब कर्नाटक विधानसभा में विश्वासमत पेश किया गया, तो कुमारस्वामी के पक्ष में सिर्फ 99 वोट पड़े, जबकि बीजेपी के पक्ष में 105 वोट पड़े। कुमारस्वामी के इस्तीफे के बाद से बीएस येदियुरप्पा का मुख्यमंत्री बनना तय माना जा रहा था।

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