भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से सस्पेंड किए जाने के बाद विधायक कुंवर प्रणव सिंह 'चैंपियन' की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही हैं। बंदूकों को हाथ में लेकर शराब पीते हुए नाचने का उनका वीडियो वायरल होने के बाद उनके तीन हथियारों का लाइसेंस रद्द कर दिया गया है। साथ ही हरिद्वार के डीएम दीपेंद्र चौधरी ने उन्हें इस मामले में नोटिस भी भेजा है।
वीडियो हुआ था वायरल
वीडियो के दौरान चैंपियन तीन पिस्टल और एक रायफल हाथ में लिए नाचते दिखे थे। इस दौरान कई बार उन्होंने पिस्टल को हवा में लहराया था। बीच में वे उसे मुंह में लेकर भी नाचते रहे और शराब पीते रहे। उनके साथ कुछ और लोग भी मौजूद थे। उन्हीं के किसी साथी ने इस वीडियो को शूट किया था लेकिन बाद में यह सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
विवादित रहे हैं विधायक
विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन का विवादों से पुराना नाता रहा है। मार्च 2016 में कांग्रेस छोड़ भाजपा में आने के बाद भी वह लगातार विवादों में रहे। लोकसभा चुनाव के दौरान विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन और झबरेड़ा विधायक देशराज कर्णवाल के मध्य छिड़ीजुबानी जंग ने पार्टी को असहज कर दिया था। प्रकरण की जांच हुई लेकिन जब तक इस पर कोई कार्रवाई होती विधायक चैंपियन ने दिल्ली में पत्रकारों संग बदसलूकी कर डाली। इसका वीडियो भी सोशल मीडिया में खूब उछला। इस पर पार्टी ने उन्हें तीन माह के लिए निलंबित कर दिया था। इस प्रकरण को हुए अब कुछ ही समय बीता था कि सोशल मीडिया पर चैंपियन का एक और वीडियो वायरल हुआ।
इसमें वह एक पार्टी के दौरान शराब पीते व हथियार लहराते नजर आए। वीडियो में वह उत्तराखंड को लेकर अभद्र और आपत्तिजनक टिप्पणी भी कर रहे थे। इस प्रकरण से असहज हुई भाजपा ने बीते रोज ही उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई के संकेत दे दिए थे। पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल बलूनी ने इस मामले में सबसे पहले कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए मामले को केंद्रीय नेतृत्व के समक्ष उठाने की बात कही थी। बाद में उन्हें सस्पेंड कर दिया गया।
पार्टी नेताओं ने की आलोचना
इससे पहले गुरुवार को भाजपा प्रदेश महामंत्री अनिल गोयल ने विधायक कुंवर प्रणव को नोटिस भेजा, जिसमें यह कहा गया कि क्यों न उनका निष्कासन कर दिया जाए। वहीं, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी विधायक चैंपियन के बयान को अत्यंत लज्जाप्रद बताया। गुरुवार को मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि सामान्य व्यक्ति से भी इस तरह की अपेक्षा नहीं की जाती। इसे बिल्कुल उचित नहीं ठहराया जा सकता।