गुना के पूर्व कांग्रेस सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के भारतीय जनता पार्टी में जाने से उपजे संकट के बीच कांग्रेस अपने बाकी विधायकों को बचाने में लगी है। पार्टी ने अपने 80 वफादार विधायकों को राजस्थान भेज दिया है। माना जा रहा है कि इन्हें फ्लोर टेस्ट के वक्त ही वापस लाया जाएगा। एक दिन पहले भाजपा भी अपने विधायकों को गुरुग्राम ला चुकी है।
80 विधायकों को संभालने की कवायद
मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार फ्लोर टेस्ट से पहले जरा भी चूक नहीं चाहती है। विधायकों के खेमे बदलने और खरीद-फरोख्त पर नजर रखने के लिए पार्टी ने अपने 80 से ज्यादा विधायकों को जयपुर पहुंचा दिया है। मालूम हो कि अभी राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है। सभी 80 विधायक विशेष विमान से जयपुर पहुंच गए हैं।
इन विधायकों के जयपुर पहुंचने पर उनकी आगवानी राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, सरकार के मुख्य सचेतक महेश जोशी, उप सचेतक महेंद्र चौधरी, परिवहन मंत्री प्रताप सिंह और दूसरे अन्य नेताओं ने की। राजस्थान आए विधायकों को लक्जरी बसों में दिल्ली रोड स्थित एक रिसॉर्ट में ले जाने की व्यवस्था की गई है। यह वही रिसॉर्ट है जहां महाराष्ट्र के विधायक पिछले साल नवंबर में रखे गए थे।
विधायकों को भरोसा कायम रहेगी कमलनाथ सरकार
इन विधायकों के साथ मध्य प्रदेश कांग्रेस के नेता कांतिलाल भूरिया भी जयपुर आए हैं। उनका भी कहना है कि सरकार को कोई खतरा नहीं है। भूरिया का कहना है कि “मध्य प्रदेश सरकार के पास पूर्ण बहुमत है। विधायक यहां तीन दिन रुकेंगे और जयपुर के दर्शनीय स्थल देखेंगे। मैं खुद एक आदिवासी विधायक हूं और मुख्यमंत्री आदिवासियों के साथ सहानुभूति रखते हैं। लोग सरकार के काम की प्रशंसा करते हैं।”
विधायक हर्ष यादव का कहना है कि जो लोग सिंधिया के साथ गए हैं, जनता उन्हें नकार देगी। यादव ने कहा, “सरकार तो कमलनाथ की ही चलेगी। जो लोग हमारे संपर्क में हैं वो वापस आएंगे।” महेश परमार और शिवदयाल जैसे अन्य विधायक भी कमलनाथ सरकार के अस्तित्व के बारे में आश्वस्त हैं। उन लोगों ने भी भाजपा पर सिंधिया के साथ गए विधायकों को गुमराह करने का आरोप लगाया। एक अन्य विधायक ने भी कहा कि “भाजपा ने उन्हें गुमराह किया है।”
गहलोत का हॉर्स ट्रेडिंग का आरोप
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भारतीय जनता पार्टी पर विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगाया है। गहलोत का कहना है कि भाजपा उनके विधायाकों को पैसों का लालच दे रही है।
सिंधिया ने कांग्रेस पार्टी के साथ 18 साल पुराना नाता तोड़ा है। वह मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री न बनाए जाने से नाराज चल रहे थे। इस बीच आने वाले दिनों में होने वाले राज्यसभा चुनाव में भी उनकी उम्मीदवारी की कोई उम्मीद नहीं थी। पिछले कई दिनों से सिंधिया नाराज चल रहे थे। उन्होंने अपने ट्विटर बायो से कांग्रेस भी हटा दिया था।