कांग्रेस ने रविवार को महाराष्ट्र में महायुति सरकार पर आरोप लगाया कि वह सत्ता में रहते हुए राज्य के लोगों और वनों की भलाई से पहले कॉरपोरेट मित्रों के हितों को आगे बढ़ा रही है।
कांग्रेस महासचिव और संचार प्रभारी जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि नवंबर 2023 में अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एजीईएल) के एक प्रमुख सलाहकार को केंद्र की विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति (ईएसी) में नियुक्त किया गया, जो एजीईएल जैसी जलविद्युत परियोजनाओं के प्रस्तावों को मंजूरी देती है। उन्होंने कहा कि इसके तुरंत बाद दिसंबर 2023 में कोल्हापुर के 100 से अधिक गांवों के निवासी एजीईएल की 7,000 करोड़ रुपये की पटगांव पंप स्टोरेज परियोजना के विरोध में उठ खड़े हुए।
रमेश ने एक्स पर कहा कि चूंकि कोल्हापुर कम वर्षा और पानी की सीमित उपलब्धता से जूझ रहा है और परियोजना को अनुमति दिए जाने से पहले कोई सार्वजनिक बैठक आयोजित नहीं की गई थी, इसलिए स्थानीय लोग इस बात को लेकर चिंतित हैं कि इससे पानी की स्थिति और खराब हो सकती है। उन्होंने कहा, "चिंताजनक बात यह है कि यह पश्चिमी घाट के पारिस्थितिकी रूप से संवेदनशील क्षेत्रों में अडानी की तीन परियोजनाओं में से एक है।"
कांग्रेस नेता ने कहा कि विशेषज्ञों के अनुसार, पर्यावरण मंत्रालय के अधिकारियों ने संवेदनशील क्षेत्रों में इन "लाल श्रेणी" परियोजनाओं को अनुमति देने के लिए "कानून की चुनिंदा व्याख्या" की है। रमेश ने दावा किया कि अडानी के अपने पर्यावरण मूल्यांकन ने निर्माण के दौरान जंगलों को काफी नुकसान होने की चेतावनी दी थी, लेकिन फिर भी परियोजनाओं को मंजूरी दे दी गई। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और महायुति द्वारा कानूनी प्रक्रिया में की गई बेशर्मी से हेराफेरी से स्थानीय समुदायों और स्थानीय पर्यावरण पर गंभीर असर पड़ रहा है।
रमेश ने आरोप लगाया, "यह बताता है कि महायुति ने सत्ता में अपने कार्यकाल का उपयोग महाराष्ट्र के लोगों और जंगलों की भलाई से पहले कॉरपोरेट के हितों को आगे बढ़ाने के लिए किया है।" सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन में एकनाथ शिंदे की शिवसेना, भाजपा और अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी शामिल हैं। विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) में कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी (एसपी) शामिल हैं। कांग्रेस नेता की यह टिप्पणी 20 नवंबर को 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा के लिए होने वाले मतदान से पहले आई है। मौजूदा महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल पूरा होने से एक दिन पहले 23 नवंबर को मतों की गिनती की जाएगी।