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मायावती दूसरे दलों से हाथ मिलाने को तैयार, भाई को बनाया पार्टी उपाध्यक्ष

उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी की सर्वेसर्वा मायावती ने आज एक बड़ा फैसला लेते हुए अपने भाई आनंद कुमार को पार्टी का उपाध्यक्ष बनाने की घोषणा की। साथ ही कहा कि वे भाजपा को रोकने के लिए किसी भी दल से हाथ मिलाने को तैयार हैं।
मायावती दूसरे दलों से हाथ मिलाने को तैयार, भाई को बनाया पार्टी उपाध्यक्ष

 दल और समर्थकों में बहनजी के नाम से चर्चित सबसे शक्तिशाली दलित नेता के तौर पर स्वीकृत मायावती ने यह ऐलान आज लखनऊ में अपने और पार्टी के आदर्श बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर की 126वीं जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में किया जब वे बाबा साहब के अनुयाइयों को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने घोषणा करते हुए कहा, ‘ इस शर्त के साथ भाई आनंद कुमार को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया है कि वह हमेशा नि:स्वार्थ भाव से केवल पार्टी के लिए कार्य करेंगे और कभी भी सांसद, विधायक, मंत्री या मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे।

मालूम हो कि बसपा सुप्रीमो ने भाजपा की जीत पर सवाल उठाते हुए इवीएम मशीन से छेड़छाड़ का आरोप लगाया था। अपने स्टैँड पर कायम रहते हुए उन्होंने कहा, ‘भाजपा और ईवीएम से छेड़छाड़ के खिलाफ संघर्ष के लिए बसपा को भाजपा विरोधी दलों की मदद लेने में कोई आपत्ति नहीं है क्योंकि  हम लोकतंत्र को जिन्दा रखना चाहते हैं।’ मायावती ने आरोप लगाया कि भाजपा ने उत्तर प्रदेश की 403 में से 250 सीटों पर इवीएम से छेड़छाड़ की।

मुस्लिम तुष्टिकरण के आरोपों पर सफाई देते हुए मायावती ने कहा, '2007 में पूर्ण बहुमत की बसपा सरकार में कई मुस्लिम एमएलए भी थे, लेकिन हमने यूपी को पाकिस्तान नहीं बनने दिया। मैं दलित, पिछड़े, अपर कास्ट के लोगों को यकीन दिलाना चाहती हूं कि आगे भी बीएसपी सरकार बनी तो यूपी को पाकिस्तान नहीं बनने दूंगी।'

 उनका कहना है कि जब उन्होंने भाजपा के साथ सरकार बनाई तब भी मुस्लिम विधायकों का पूरा समर्थन था। अपर कास्ट और पिछड़ी कास्ट के लोगों को इनसे सीखना चाहिए। भाजपा वाले भ्रम फैला रहे हैं कि बसपा को मजबूत करने के लिए उन्हें हर विधानसभा तक जाना चाहिए। मायावती ने कहा कि यह भाजपा की साजिश है ताकि वह अन्य राज्यों में पार्टी के विस्तार पर काम न कर पाएं।

मायावती ने आज लिखा हुआ भाषण पढने की वजह भी बताई।  भाषा के मुताबिक उन्होंने कहा, ‘मौखिक भाषण दूं तो जोर से बोलना पड़ता है लेकिन डॉक्टरों ने ऐसा करने (यानी जोर से बोलने) के लिए मना कर रखा है, क्योंकि वर्ष 1996 में कुछ कमियों की वजह से मेरा एक ग्लैण्ड पूरी तरह से खराब हो गया था और डाक्टरों ने आपरेशन से उसे निकाला था।

एजेंसी / अन्‍य

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