कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजों से पहले मोदी मंत्रिमंडल में महत्वपूर्ण फेरबदल हुआ है। रेल मंत्री पीयूष गोयल को अरुण जेटली की जगह वित्त मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। जेटली काफी दिनों से बीमार हैं। सोमवार को उनका किडनी ट्रांसप्लांट हुआ है। जेटली की तबियत ठीक होने तक पीयूष गोयल वित्त और कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय की जिम्मेदारी संभालेंगे।
मंत्रिमंडल में सबसे चौंकाने वाला बदलाव सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को लेकर हुआ है। राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, स्मृति ईरानी की सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से विदाई हो गई है। उनकी जगह राज्य मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार दिया गया है। स्मृति ईरानी के पास अब सिर्फ कपड़ा मंत्रालय बचा है। इससे पहले उन्हें मानव संसाधन मंत्रालय से भी हटाया गया था। सूचना एवं प्रसारण मंत्री के तौर पर ईरानी का साल भर से भी कम कार्यकाल कई विवादों से घिरा रहा। खासकर, फेक न्यूज से संबंधित सरकुलर पर काफी विवाद हुआ, जिसे बाद में पीएम मोदी ने रद्द करवा दिया था। प्रसार भारती से भी उनकी ठनी रही थी। अब वे सिर्फ कपड़ा मंत्रालय पर फोकस करेंगी।
उधर, पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय में राज्य मंत्री एसएस अहलूवालिया को अब इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मिनिस्ट्री की जिम्मेदारी दी गई है। वे राज्य मंत्री केएस अल्फोंस की जगह लेंगे। हालांकि, पर्यटन मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार अल्फोंस के पास ही रहेगा। पिछले चार साल नदियां तो साफ नहीं हो पाईं लेकिन स्वच्छता मंत्रालय में मंत्रियों की आवाजाही खूब रही है।
केंद्र की मोदी सरकार के चार साल बाद मंत्रिमंडल में फेरबदल के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। वित्त और सूचना एवं प्रसारण मंत्रियों में बदलाव से इन मोर्चों पर सरकार की चिंताओं को भी समझा जा सकता है। पिछले साल सितंबर में ही मोदी मंत्रिमंडल में व्यापक फेरबदल हुआ था। यह चार साल में मोदी कैबिनेट में चौथा फेरबदल है।
बढ़ा गोयल और राठौड़ का कद
रेल मंत्रालय में खास असर छोड़ पाने में नाकाम रहे पीयूष गोयल को पीएम मोदी ने एक और बड़ी जिम्मेदारी दी है। जबकि आजकल रेलगाड़ियों के देरी से चलने को लेकर रेल मंत्रालय पर खूब सवाल उठ रहे है। फिर भी उन्हें वित्त जैसे अहम मंत्रालय की अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी गई है। अब उनके पास रेल, कोयला, वित्त और कॉरपोरेट मामले यानी कुल चार मंत्रालयों का जिम्मा है।
माना जाता है कि पीएम मोदी ऊर्जा और कोयला मंत्रालय में गोयल के कामकाज से काफी प्रभावित हैं। गोयल कोषाध्यक्ष के तौर पर भाजपा में भी अहम भूमिका निभा चुके हैं। मोदी सरकार के साथ-साथ भाजपा में भी उनका कद लगातार बढ़ रहा है।
खेल से राजनीति में आये कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ के पास भी अब दो अहम मंत्रालयों का स्वतंत्र प्रभार आ गया है। उनखे पिछले साल खेल मंत्री बनाया गया था। उनके प्रमोशन के पीछे राजस्थान चुनाव भी एक फैक्टर है।