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संसद में सत्ता और विपक्ष के सांसद आमने-सामने, मणिपुर-राजस्थान को लेकर जमकर हंगामा

संसद में मानसून सत्र की कार्यवाही आज भी हंगामेदार है। आज संसद के मानसून सत्र का तीसरा दिन है। सुबह 11 बजे...
संसद में सत्ता और विपक्ष के सांसद आमने-सामने, मणिपुर-राजस्थान को लेकर जमकर हंगामा

संसद में मानसून सत्र की कार्यवाही आज भी हंगामेदार है। आज संसद के मानसून सत्र का तीसरा दिन है। सुबह 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू हुई, लेकिन कुछ ही देर बाद हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही को स्थगित कर दिया गया। दोनों सदनों में मणिपुर को लेकर हंगामा हुआ। विपक्षी दलों ने इस मुद्दे पर भाजपा को घेरने की रणनीति बनाई है। ‘इंडिया’ गठबंधन के नेताओं ने मणिपुर के मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सदन में जवाब मांग रहे हैं।

जहां मणिपुर की घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दोनों सदनों में बयान देने की मांग को लेकर विपक्षी गठबंधन पार्टियों (I.N.D.I.A) ने संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन किया, तो वहीं बीजेपी राजस्थान के सांसदों ने वरिष्ठ नेताओं के साथ गांधी प्रतिमा के सामने विरोध प्रदर्शन किया। यह विरोध प्रदर्शन राज्य में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अत्याचार और अपराध के मुद्दे पर है।

इस बीच सदन में हंगामे के बीच लोकसभा की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित की गई है।

राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हम भी चर्चा के लिए तैयार हैं। प्रधानमंत्री इस मामले पर अपनी बात रखें... अगर 140 करोड़ का नेता बाहर प्रेस से बात करता है और 140 करोड़ जनता के प्रतिनिधी अंदर बैठे हैं, तो आप(प्रधानमंत्री) पहले अंदर अपना बयान दीजिए। उसके बाद हम एक निर्णय लेंगे।

कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि प्रधानमंत्री को संसद के दोनों सदनों में एक व्यापक वक्तव्य देना चाहिए। उन्हें लोकसभा और राज्यसभा में प्रासंगिक स्थगन नियमों के तहत चर्चा का पालन करना चाहिए। हमारे प्रदर्शन की यही मांग है।

तृणमूल सांसद अभिषेक बनर्जी ने कहा कि हमने जो वीडियो और तस्वीरें(मणिपुर की स्थिति पर) देखी हैं वे बेहद परेशान करने वाली हैं। आप (पीएम) संसद में चर्चा नहीं चाहते... सरकार ध्यान भटका रही है

मणिपुर के वायरल वीडियो पर एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले (शरद पवार गुट) ने कहा कि यह मामला राज्यों का नहीं महिलाओं का है। ऐसी घटना किसी भी राज्य में हो तो ग़लत है।

सपा सांसद जया बच्चन ने कहा कि मणिपुर के विषय में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा हो रही है लेकिन हमारे देश में नहीं हो रही... यह शर्म की बात है।

वहीं, केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि हम इन्हें(विपक्ष) बार-बार कह रहे हैं कि आपका सबसे बड़ा विषय मणिपुर पर चर्चा को लेकर था। विपक्ष ने अनुरोध किया था कि आप चर्चा को स्वाकार कर लें, सत्र चलेगा। हम चाहते हैं कि मणिपुर पर चर्चा हो। हमारे सांसदों ने कहा कि मणिपुर के साथ-साथ राजस्थान और पश्चिम बंगाल में महिलाओं की स्थिति पर भी चर्चा की जाए।

मणिपुर मामले पर संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि इस मामले(मणिपुर वायरल वीडियो) पर पूरा देश पीड़ा व्यक्त कर रहा है। हम हाथ जोड़ कर कह रहे हैं कि आप(विपक्ष) इस विषय पर चर्चा करो और हम इससे कुछ निष्कर्ष निकालेंगे। हम ये नहीं समझ पा रहे हैं कि वो(विपक्ष) चर्चा से क्यों भाग रहे हैं। उनकी क्या सोच है, ये समझ नहीं आ रहा है। हम आज भी मांग करते हैं कि आप इस पर चर्चा कीजिए। ये बहुत संवेदनशील मामला है।

बीजेपी सांसद राज्यवर्धन राठौड़ ने कहा कि महिला सुरक्षा चाहे कोई भी राज्य हो या दुनिया भर में, सबसे महत्वपूर्ण है। पीएम मोदी की सरकार ने 11 करोड़ शौचालय बनाने से लेकर महिलाओं की सुरक्षा के लिए बहुत कुछ किया है...एक कानून है कि 12 साल से कम उम्र के बलात्कार के मामले में मौत की सजा होगी और फास्ट ट्रैक अदालतें स्थापित की गई हैं जिन्हें भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित किया गया है।

आम आदमी पार्टी सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि पूरे देश की मांग है कि मणिपुर मामले पर सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी बात रखे। देश में शांति बहाल करना केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है। आज हम इस मुद्दे पर संसद में विरोध प्रदर्शन करने जा रहे हैं। राज्यसभा सभापति को हमें मणिपुर मुद्दे पर चर्चा की इजाजत देनी चाहिए।

भाजपा सांसद हरनाथ सिंह यादव ने कहा कि हमारा कहना है कि इस समय महिलाओं के साथ अगर कहीं सबसे ज्यादा अत्याचार हुए हैं तो वो राजस्थान, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, झारखंड में हुए हैं मगर विपक्ष को केवल मणिपुर दिखाई देता है। हमारा कहना है कि मणिपुर में जो भी हुआ वो बेहद दुखद है मगर राजस्थान और अन्य राज्यों में जो भी हुआ वो भी दुखद है। राजस्थान सरकार राज्य में महिलाओं की सुरक्षा करने में विफल रही है।

राजस्थान सरकार में मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि भाजपा झूठ और फरेब की राजनीति करती है। भाजपा के पास अपने मुद्दे और मांगें नहीं हैं। पिछले साढ़े चार साल में भाजपा राजस्थान में विपक्ष के तौर पर कोई प्रभाव नहीं डाल पाई है। भाजपा खुद विफल हो गई है और इसलिए ये कांग्रेस के अंदर गलतियां ढूंढती है।

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