चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस के पटरी से उतरने की घटना के मद्देनजर कांग्रेस ने गुरुवार को मांग की कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को "बड़ी चूक" की जिम्मेदारी लेनी चाहिए और सभी मार्गों पर कवच एंटी-कोलिजन सिस्टम को शीघ्रता से स्थापित किया जाना चाहिए।
अधिकारियों ने बताया कि गुरुवार को उत्तर प्रदेश के गोंडा के पास चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस के आठ डिब्बे पटरी से उतर गए, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई और 20 अन्य घायल हो गए। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि दुर्घटना में चार लोगों की मौत हो गई।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि उत्तर प्रदेश में चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस का पटरी से उतरना इस बात का एक और उदाहरण है कि कैसे मोदी सरकार ने "व्यवस्थित रूप से रेल सुरक्षा को खतरे में डाला है"।
उन्होंने कहा, "शोक संतप्त परिवारों के प्रति हमारी गहरी संवेदना है और हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं घायलों के साथ हैं। एक महीने पहले, सियालदाह-अगरतला कंचनजंगा एक्सप्रेस से एक मालगाड़ी की टक्कर में 11 लोगों की जान चली गई थी।" खड़गे ने बताया कि रेलवे सुरक्षा आयुक्त ने कहा है कि दुर्घटना "होने का इंतजार कर रही थी"।
खड़गे ने कहा, "स्वचालित सिग्नल की विफलता, संचालन के प्रबंधन में कई स्तरों पर चूक और लोको पायलट और ट्रेन मैनेजर के पास वॉकी-टॉकी जैसे महत्वपूर्ण सुरक्षा उपकरणों की अनुपलब्धता जांच रिपोर्ट में टक्कर के लिए बताए गए कुछ कारण हैं।" उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके रेल मंत्री, जो आत्म-प्रचार का कोई मौका नहीं छोड़ते, उन्हें भारतीय रेलवे में हुई भारी खामियों की सीधे जिम्मेदारी लेनी चाहिए।"
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि उनकी पार्टी की एकमात्र मांग यह है कि बेहतर सुरक्षा उपायों को सुनिश्चित करने और दुर्घटनाओं को रोकने के लिए पूरे भारत में सभी मार्गों पर कवच टक्कर रोधी प्रणाली "शीघ्रता से स्थापित" की जाए। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि उत्तर प्रदेश के गोंडा में चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस के पटरी से उतरने से हुई मौतों की खबर बेहद दुखद है।
उन्होंने एक्स पर हिंदी में लिखे पोस्ट में कहा, "ईश्वर दिवंगत आत्माओं को शांति प्रदान करे। शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं। मैं ईश्वर से प्रार्थना करती हूं कि घायल जल्द स्वस्थ हों।" प्रियंका गांधी ने कहा, "लगातार हो रहे बड़े रेल हादसों में सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है। रेलवे में लाखों पद खाली पड़े हैं। कवच जैसी व्यवस्थाएं सरकार के उदासीन रवैये का शिकार हैं, लेकिन सरकार कोई जिम्मेदारी तय नहीं करती।" उन्होंने पूछा कि आम लोगों की सुरक्षा से जुड़े इन अहम सवालों पर सरकार चुप क्यों है और रेल हादसों के लिए किसी को जिम्मेदार क्यों नहीं ठहराया जा रहा है।