कोरोना वायरस की महामारी फैलने के बाद लागू लॉकडाउन के कारण लाखों मजदूरों को हो रही पीड़ा और परेशानी का जिक्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मन की बात कार्यक्रम में किया है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस संकट से सबसे ज्यादा परेशानी गरीबों और मजदूरों को हुई है। उनकी पीड़ा को शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता है।
मोदी ने अपने मासिक मन की बात कार्यक्रम में कहा कि इस महामारी के दौर में सभी वर्गों के लोगों को परेशानी हुई है। लेकिन गरीब लोगों को सबसे ज्यादा पीड़ा झेलनी पड़ी। उन्होंने कहा कि हर कोई उनकी मदद कर रहा है। रेलवे ने बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचाने के लिए प्रयास किए। उन्होंने कहा कि सरकार प्रवासी मजदूरों की समस्याएं दूर करने के लिए आयोग बनाने पर विचार कर रही है।
आम लोगों से और ज्यादा सावधान रहने की अपील
पीएम ने अपने रेडियो कार्यक्रम में आम लोगों से अतिरिक्त सावधानी बरतने और सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पहनने की भी अपील की। उनका कहना था कि अब यह और ज्यादा आवश्यक हो गया है क्योंकि आर्थिक गतिविधियां धीरे-धीरे शुरू हो रही हैं। रेलवे और हवाई सेवाएं आंशिक रूप से शुरू हो गई हैं। अर्थव्यवस्था की अधिकांश गतिविधियां भी शुरू हो गई हैं।
आत्मचिंतन करने की आवश्यकता
मोदी ने कहा कि संकट के दौरान गरीबों की परेशानियों ने आत्मचिंतन करने के लिए बाध्य किया है ताकि हम भविष्य में लोगों की बेहतर तरीके से सेवा कर सकें। उन्होंने कहा कि देश के पूर्वी क्षेत्र की समस्याएं नजरंदाज हो गई। यह क्षेत्र अन्य क्षेत्रों के मुकाबले विकास के मामले में काफी पीछे है।
कई देशों के मुकाबले भारत की स्थिति बेहतर
पीएम ने कहा कि इस महामारी से पूरी दुनिया बुरी तरह प्रभावित हुई है और भारत भी इससे अछूता नहीं रहा है। हालांकि उन्होंने कहा कि भारत दुनिया के दूसरे कई देशों के मुकाबले बेहतर स्थिति में रहा है। उन्होंने देश के तमाम हिस्सों में महामारी से मुकाबले करने के लिए लोगों के प्रयासों और दूसरों की मदद करने के प्रयासों की भी सराहना की।