73 वें स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लालकिले की प्राचीर पर तिरंगा फहराने के बाद देश को संबोधित किया। पीएम मोदी ने लगातार छठी बार लालकिले पर तिरंगा फहराया है। इस मौके पर उन्होंने हाल ही में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने पर अपनी बात रखी।
पीएम मोदी ने कहा कि आजादी के बाद से अभी तक जिन्होंने देश के विकास में योगदान दिया है, उनको भी वह नमन करते हैं। पीएम ने कहा कि नई सरकार को 10 हफ्ते भी नहीं हुए हैं, लेकिन इतने कम समय में भी हर क्षेत्र में काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 10 हफ्ते के भीतर ही अनुच्छेद 370, 35ए का हटना सरदार वल्लभ भाई पटेल के सपनों को साकार करने में एक कदम है।
'अलगाववाद, आतंकवाद और परिवारवाद'
उन्होंने कहा कि हम समस्याओं को टालते भी नहीं है और ना ही हम समस्याओं को पालते हैं। अब समस्याओं को टालने और पालने का वक्त नहीं है। जो काम 70 साल में नहीं हुआ वो हमारी सरकार बनने के 70 दिनों में संसद ने दो तिहाई बहुमत से पारित कर दिया। आपने जो मुझे काम दिया है, उसे ही करने आया हूं।
पीएम मोदी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों के सपनों को नए पंख मिले ये हमारी जिम्मेदारी है। इसके लिए 130 करोड़ लोगों को ये जिम्मेदारी उठानी है। इन व्यवस्थाओं ने अलगाववाद, आतंकवाद और परिवारवाद, भ्रष्टाचार, भेद-भाव की नींव को मजबूती देने का काम किया है। वहां की महिलाओं, दलितों, जनजातीय समूहों जैसे गुज्जर, बकरवालों, गद्दी, सिप्पी, बाल्टी को भी राजनीतिक अधिकार मिलने चाहिए। भारत विभाजन हुआ। लाखों लोगों का कोई गुनाह नहीं था। जो जम्मू-कश्मीर में आकर बसे उन्हें मानवीय अधिकार भी नहीं मिले। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख सुख, समृद्धि और विकास के लिए योगदान दे सकते हैं।
'अनुच्छेद 370 को अस्थायी क्यों बनाए रखा'
नई व्यवस्था नागरिकों के हितों के लिए है। वहां का सामान्य नागरिक दिल्ली सरकार को पूछ सकता है। उसे कोई रुकावट नहीं आएगी। सभी राजनीतिक दल कोई प्रखर तो कोई मूक रूप से इसे समर्थन देता रहा है लेकिन चुनाव की वजह से कुछ लोग अनुच्छेद 370 के पक्ष में कुछ कहते रहते हैं। अगर 370 से इतना फायदा होने वाला था तो आपने उसे अस्थायी क्यों बनाए रखा, उसे परमानेंट कर देते? इसके लिए हिम्मत और भरोसे की कमी थी।