संसद का बजट सत्र जारी है। राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद का कार्यकाल खत्म हो रहा है। आज यानी मंगलवार को गुलाम नबी आजाद की विदाई पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में भाषण दिया। इस दौरान पीएम मोदी उनसे जुड़ा एक पुराना वाक्या याद कर भावुक हो गए। जिसके बाद गुलाम नबी आजाद भी भावुक हो गए। ये वाक्या साल 2006 का है जब वो जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री थे।
“फल और फूल लेके भेजना चाहते थे, लेकिन आपके बच्चों की लाशें भेज रहे हैं। बहुत अफसोस में हैं, हम सबको माफ करना...और इतना कहकर जम्मू-कश्मीर के तत्कालीन मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद रोने लगे।“ इस बात को दोहराते हुए प्रधानमंत्री भावुक हो गए। दरअसल, 2006 में श्रीनगर के बाटापोरा इलाके में गुजराती पर्यटकों को ले जा रही बस पर आतंकी हमला हुआ था। इस हमले में चार पर्यटक मारे गए थे जिसमें से तीन बच्चे थे।
पीएम मोदी के भाषण के बाद गुलाम नबी आजाद भी भावुक हो गए। उन्होंने कहा, उन्हें इस बात का फख्र है कि वो हिंदुस्तानी मुसलमान हैं। आगे कांग्रेस नेता आजाद ने कहा, “मैं उन खुशकिस्मत लोगों में से हूं जो पाकिस्तान कभी नहीं गया। मुझे गौरव और फक्र महसूस होता है कि हम एक हिंदुस्तानी मुसलमान हैं। आज विश्व में अगर किसी मुसलमान को गर्व होना चाहिए तो वह इस देश के, हिंदुस्तान के मुसलमान को गर्व होना चाहिए।“