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महाराष्ट्र के घटनाक्रम पर बोली भाजपा- फड़नवीस को मिला था सरकार बनाने का जनादेश

महाराष्ट्र में अचानक हुए राजनीतिक उलटफेर में भाजपा के देवेंद्र फड़नवीस ने सीएम और एनसीपी के अजीत...
महाराष्ट्र के घटनाक्रम पर बोली भाजपा- फड़नवीस  को मिला था सरकार बनाने का जनादेश

महाराष्ट्र में अचानक हुए राजनीतिक उलटफेर में भाजपा के देवेंद्र फड़नवीस ने सीएम और एनसीपी के अजीत पवार ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली। इसे लेकर शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इसके बाद कांग्रेस ने अलग से प्रेस कॉन्फ्रेंस की। अब भाजपा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर शिवसेना, कांग्रेस पर निशाना साधा है। भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि देवेंद्र फड़नवीस को जनादेश मिला था। शिवसेना के प्रदर्शन में भी बीजेपी का बड़ा योगदान रहा। उन्होंने कहा कि ये कहते हैं कि लोकतंत्र की हत्या हो गई। शिवसेना ने 30 साल पुरानी दोस्ती तोड़ी तब लोकतंत्र की हत्या नहीं हुई? जब अजित पवार के नेतृत्व में बड़ा तबका आकर देवेंद्र फड़नवीस  को समर्थन दे तो क्या लोकतंत्र की हत्या हो गई।

'बाला साहेब ठाकरे के विचारों को छोड़ दिया'

उन्होंने उद्धव ठाकरे का नाम लिए बगैर कहा कि जो लोग बाला साहेब के विचारों को छोड़ दें, उनके बारे कुछ नहीं कहना, बाला साहेब का कांग्रेस विरोध जगजाहिर है। यह देश की आर्थिक राजधानी पर कब्जा करने की कोशिश थी। क्या कांग्रेस, एनसीपी, शिवसेना में से किसी ने राज्यपाल के सामने सरकार बनाने का दावा पेश किया था। 

'हम ईमानदार, स्थिर और प्रभावी सरकार देंगे'

प्रसाद ने कहा कि महाराष्ट्र की जनता का सवाल था कि हमने जनादेश दिया तो आप सरकार क्यों नहीं बना रहे हैं। क्या इतने बड़े राज्य को ऐसे ही छोड़ दिया जाता? हम एक ईमानदार सरकार देंगे। हमारे पीएम और गृह मंत्री के खिलाफ स्तरहीन भाषा का प्रयोग किया गया, हमने इसे सहा है। आज तक ऐसा नहीं हुआ कि गठबंधन में रहकर कोई ऐसा बोले। हम एक स्थिर, प्रभावी और प्रामाणिक सरकार देंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि एनसीपी के अंदर क्या चल रहा है उसपर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा।

कांग्रेस ने बताया शर्मनाक 

पार्टी के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने कहा कि न बैंड, न बाजा, न बारात और सीएम और डिप्टी सीएम ने शपथ ले ली। ये घटना काली स्याही से लिखी जाएगी। बिना किसी जांच के शपथ दिलाई गई है। कहीं न कहीं कुछ गड़बड़ है। अहमद पटेल ने कहा कि बेशर्मी की सारी सीमाएं पार दी गई हैं। एनसीपी के कुछ लोगों ने लिस्ट दी, जिसके वजह से ये घटना घटी है। अहमद पटेल ने कहा कि बीजेपी को हराने के लिए तीनों दल साथ आए थे। हम तीन आज भी एकजुट हैं। कांग्रेस के सभी विधायक एक साथ हैं। हमारी तरफ से कोई देरी नहीं की गई है। कांग्रेस पर ये जो आरोप लगाया जा रहा है वो निराधार है। अहमद पटेल ने कहा हां, कुछ मुद्दों पर सहमति में वक्त लगा है। उन्होंने कहा कि हम राजनीतिक और कानूनी मोर्चे पर यह लड़ाई लड़ेंगे। तीनों पार्टियां (कांग्रेस-एनसीपी-शिव सेना) साथ हैं और मुझे विश्वास है कि हम भाजपा को फ्लोर टेस्ट में हराएंगे।

यह अजीत का फैसला है, पार्टी का नहीं: शरद पवार

मीडिया को संबोधित करते हुए एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि मुझे सुबह पता चला कि अजीत शपथ ले रहे हैं। पवार का कहना है कि यह अजीत का फैसला है, पार्टी का फैसला नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा नेता देवेंद्र फड़नवीस  बहुमत नहीं जुटा पाएंगे। क्योंकि नंबर हमारे पास है, सरकार तो हम ही बनाएंगे। पवार ने अजीत पर यह भी आरोप लगाया कि शायद उन्होंने पार्टी के विधायकों के हस्ताक्षर वाली चिट्ठी का दुरुपयोग किया है। उन्होंने कहा कि अजीत के साथ तसवीर में 11-12 विधायक देखे गए हैं। जो लोग उनके साथ है उन्हें यह मालूम होना चाहिए कि दल-बदल कानून भी है। इस मौके पर एनसीपी नेता, दो विधायकों को भी अपने साथ लेकर पहुंचे थे, जिन्होंने कहा कि हमें नहीं पता था कि अजीत पवार क्या करने वाले हैं। हमारे नेता तो शरद पवार हैं। शरद पवार ने यह भी कहा कि अजीत पवार पर क्या कार्रवाई की जाएगी, यह पार्टी तय करेगी। 

दल-बदल कानून का दिया हवाला 

पहले यह प्रेस कॉन्फेंस कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना तीनों दल मिल कर करने वाले थे। लेकिन अचानक कांग्रेस पीछे हट गई। शरद पवार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस संबोधित करते हुए कहा कि, तीनों दलों के नेताओं ने तय किया था कि वे मिल कर सरकार बनाएंगे। तीनों पार्टी के नेता और उनके निर्वाचित सदस्य इस बात के लिए राजी थे। कुछ निर्दलीय विधायकों ने भी हमें सहयोग देने का कहा था। हमारे नंबर सबसे ज्यादा थे। सुबह के साढ़े छह बजे हमें सूचना मिली कि राजभवन में गवर्नर मौजूद हैं, हम खुश थे। सब ठीक था कि हमें अचानक पता चला कि अजीत पवार उपमुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ले रहे हैं. यह निर्णय पूरी तरह अजीत का है। पवार ने कहा कि निष्ठावान कार्यकर्ता कभी अजीत के साथ नहीं जाएगा। जो सरकार में शामिल होने का सोच रहे हैं वे दल-बदल कानून को नहीं जानते। उन्हें यह नियम मालूम होना चाहिए। 

'अब भी शिवसेना के साथ' 

उन्होंने कहा कि हमने तय किया था कि हम शिवसेना के नेतृत्व में ही सरकार बनाएंगे। गवर्नर ने फड़नवीस सरकार को बहुमत साबित करने के लिए 30 नवंबर तक का वक्त दिया है। तब तक हम साथ है। शिवसेना के साथ ही रहेंगे। बाकी आगे देखते हैं। इस मौके पर उद्धव ने कहा, शिवसेना जो करती है, डंके की चोट पर करती है, दिन के उजाले में करती है। ये लोग सिर्फ तोड़ने की कोशिश करते हैं। ये जो खेल चल रहा है, पूरा देश देख रहा है। इससे साफ जाहिर होता है कि इन्हें मित्र पक्ष नहीं चाहिए, कोई विरोधी नहीं चाहिए। बस मैं ही मैं इनका सूत्र है। ये छत्रपति महाराज के महाराष्ट्र पर सर्जिकल स्ट्राइक हुआ है। हम एक हैं और एक ही रहेंगे। उद्धव ठाकरे ने कहा कि पहले ईवीएम का खेल था अब ये नया ‘खेल’ चालू है। 

'मिल कर लेंगे निर्णय' 

शरद पवार से जब अजीत पवार के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, बीजेपी को समर्थन का फैसला अजीत का है। बस मैं इतना कहना चाहता हूं कि ये लोग (बीजेपी) बहुमत साबित नहीं कर पाएंगे। आगे का जो भी निर्णय होगा हम मिल कर लेंगे। कोई एक व्यक्ति निर्णय नहीं लेगा। पवार ने कहा,  मुझे कोई चिंता नहीं है, पहले भी मेरे साथ ऐसा हो चुका है। 30 तारीख आने दीजिए, सरकार हम बनाएंगे, हम बना सकते हैं। शरद पवार ने इस बात से इनकार किया कि अजीत पवार इस बात से नाराज थे कि उपमुख्यमंत्री के लिए उनके नाम पर विचार नहीं हो रहा था। 

महाराष्ट्र राजनीति का परिदृश्य रातों-रात बदल गया। आज अल सुबह भारतीय जनता पार्टी के देवेंद्र फड़नवीस ने फिर से मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। एनसीपी के नेता अजीत पवार ने उप-मुख्यमंत्री की शपथ ली। लंबे समय से शिवसेन-एनसीपी-कांग्रेस की सरकार बनने की अटकलें थीं लेकिन एक बार बाजी फिर भाजपा के हाथ लगी। संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस के लिए शरद पवार के साथ कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और अहमद पटेल के मौजूद रहने की संभावना थी लेकिन ऐन वक्त पर कांग्रेस ने खुद को पीछे कर लिया।

 

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