एलजी और दिल्ली सरकार के बीच अधिकारों को लेकर चल रहे विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। शीर्ष अदालत ने कहा है कि उपराज्यपाल दिल्ली में फैसला लेने के लिए स्वतंत्र नहीं हैं, एलजी को कैबिनेट की सलाह के मुताबिक ही काम करना होगा।
कोर्ट के फैसले के बाद इस मामले पर प्रतिक्रिया आनी भी शुरू हो गई हैं। जहां सीएम केजरीवाल ने इस फैसले को दिल्ली के लोगों के लिए बड़ी जीत बताई है तो वहीं, मनीष सिसोदिया ने कहा कि अब सारी फाइलें एलजी को भेजने की जरूरत नहीं है।
ये दिल्ली के लोगों के लिए बड़ी जीत है: अरविंद केजरीवाल
अदालत के फैसले के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने खुशी जाहिर करते हुए इसे लोकतंत्र की जीत करार दिया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि यह दिल्ली के लोगों के लिए बड़ी जीत है। लोकतंत्र के लिए एक बड़ी जीत है।
SC के फैसले को सिसोदिया ने बताया ऐतिहासिक
अरविंद केजरीवाल के बाद उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद प्रेस ब्रीफिंग की और इस दौरान सुप्रीम कोर्ट के फैसले को ऐतिहासिक व महत्वपूर्ण करार दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली की चुनी हुई सरकार को अब तक काम करने से रोका जा रहा था और संविधान की मनमानी व्याख्या की जा रही थी।
अब सारी फाइलें LG को भेजने की जरूरत नहीं: सिसोदिया
सिसोदिया ने कहा कि अब शीर्ष अदालत ने साफ कर दिया है कि दिल्ली की जनता ही सुप्रीम ऑथरिटी है और जनता द्वारा चुनी गई सरकार के पास ही प्रशासनिक कामकाज के अधिकार हैं। उन्होंने इस फैसले के लिए कोर्ट का आभार जताया। सिसोदिया ने कहा कि अब सारी फाइलें LG को भेजने की जरूरत नहीं।
दिल्ली सरकार को मिलेगा फायदा: राघव चड्ढा
आम आदमी पार्टी के नेता नेता राघव चड्ढा ने कहा, “सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि भूमि, पुलिस और कानून-व्यवस्था सरकार के अधीन नहीं आएगी। इन तीन विषयों को छोड़कर चाहे वह बाबुओं के ट्रांसफर का मामला हो या दूसरी शक्तियां हों, सारी शक्तियां अब दिल्ली सरकार के अधीन आ जाएंगी।”
एलजी को दिल्ली कैबिनेट के फैसलों का सम्मान करना चाहिए: सुब्रमण्यम स्वामी
भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने आम आदमी पार्टी की सरकार को नक्सली करार देते हुए कहा कि अगर दिल्ली सरकार देश की सुरक्षा के खिलाफ फैसला लेती है तो उसका एलजी को विरोध करना चाहिए।
स्वामी ने कहा कि यह सही है कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि एलजी को दिल्ली की कैबिनेट के फैसले का सम्मान करना चाहिए, लेकिन आम आदमी पार्टी के नेता नक्सली टाइप लोग हैं।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले से दिल्ली सरकार की हार हुई: नलिन कोहली
बीजेपी प्रवक्ता नलिन कोहली ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से दिल्ली की आम आदमी पार्टी की हार हुई है। उन्होंने कहा, 'केजरीवाल सरकार की मुख्य मांग यह थी कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाए, जिसे कोर्ट मना कर दिया है। ऐसे में वह इस फैसले को अपनी जीत कैसे बता रहे हैं, यह समझ से परे है'।
यह एक अच्छा फैसला है: सोली सोराबजी, पूर्व अटॉर्नी जनरल
पूर्व अटॉर्नी जनरल सोली सोराबजी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिया गया यह एक अच्छा फैसला है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल को मिलजुल कर काम करना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद दिल्ली में आम आदमी पार्टी के दफ्तर में जश्न
Centre and Delhi Government power tussle verdict in Supreme Court: Celebrations at Aam Aadmi Party(AAP) office in Delhi pic.twitter.com/Fw8ElZD2QV
— ANI (@ANI) July 4, 2018
दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को केजरीवाल ने दी थी चुनौती
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें कोर्ट ने कहा था कि उपराज्यपाल ही दिल्ली के प्रशासनिक मुखिया हैं और कोई भी निर्णय उनकी मंजूरी के बिना नहीं लिया जाए।
‘आप’ सरकार उपराज्यपाल के साथ अधिकारों की लड़ाई लंबे समय से जारी रही है। पहले तत्कालीन एलजी नजीब जंग और केजरीवाल सरकार के बीच टकराव सामने आया। इसके बाद केजरीवाल ने जंग की तुलना तानाशाह हिटलर तक से की। उसके बाद दिसंबर, 2016 में अनिल बैजल के उपराज्यपाल बनने के बाद भी यह लड़ाई चल रही है।
मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ मारपीट के बाद अधिकारियों की हड़ताल और घर-घर राशन वितरण की योजना को मंजूरी नहीं देने पर भी विवाद रहा। यही कारण है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल हमेशा उपराज्यपाल पर फाइलें अटकाने का आरोप लगाते जड़ते हैं। हाल ही में वो अपने तीन मंत्रियों के साथ 9 दिनों तक एलजी ऑफिस में धरने पर बैठे थे।