शिवसेना ने लिखा है कि विपक्ष का मानना है कि अगर मोदी उत्तर प्रदेश की यात्रा करते हैं तो वहां एक राजनीतिक माहौल पैदा होगा। लेकिन, शिवसेना चाहती है कि मोदी लखनऊ जाएं लेकिन किसी राजनीतिक फायदे के लिए नहीं बल्कि वहां जाकर अयोध्या में श्रीराम मंदिर बनाने की घोषणा करें। गौरतलब है कि शिवसेना ने यूपी और गोवा में अपने दम पर चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में जब से भाजपा ने शिवसेना के साथ गठबंधन तोड़कर अपने दम पर चुनाव लड़ा और शिवसेना से बड़ी पार्टी बन गई तबसे दोनों दलों के संबंध खराब हैं। इसकी वजह से शिवसेना लगातार अलग-अलग मामलों में भाजपा पर हमला करती रहती है। वैसे महाराष्ट्र की सरकार में दोनों दल एक साथ हैं।
शिवसेना ने कहा है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी को कोई फायदा नहीं होगा बल्कि बिहार की पुनरावृत्ति साबित हो सकती है। बिहार चुनाव के दौरान बीजेपी ने मोदी की छवि को दांव पर लगा दिया था लेकिन पार्टी को धूल चाटनी पड़ी। इस तथ्य पर अगर विचार किया जाए तो यह मानने का कोई कारण नहीं है कि मोदी के लखनऊ में रावण दहन कार्यक्रम में हिस्सा लेने से बीजेपी को कोई राजनीतिक लाभ होगा।
शिवसेना का कहना है कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पहले से ही बेहद खराब हालत में है। मायावती की बीएसपी का भविष्य नहीं है जबकि सपा पारिवारिक झगड़े में व्यस्त है। ऐसे में अगर भाजपा कुछ सीटें जीत भी लेती है तो उसे असली जीत नहीं कहा जा सकता। गौरतलब है कि परंपरा को तोड़ते हुए मोदी अगले सप्ताह लखनऊ में ऐशबाग रामलीला में हिस्सा लेंगे। आम तौर पर प्रधानमंत्री राजधानी दिल्ली में दशहरा मनाते हैं। (एजेंसी)