अयोध्या में राम मंदिर को लेकर एक बार फिर माहौल गरम है। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने रविवार को रामलला का दर्शन किया, जिसके बाद उन्होंने प्रेस को संबोधित किया। इस दौरान उद्धव ठाकरे ने कहा कि वे अयोध्या में सिर्फ राम मंदिर निर्माण के लिए आए हैं, उनका कोई छिपा हुआ एजेंडा नहीं है। उन्होंने सवाल उठाया कि ताकतवर सरकार अध्यादेश क्यों नहीं लाती।
ठाकरे ने कहा कि जब कोर्ट ही फैसला करेगा तो फिर चुनाव में राम का नाम न लें। चुनाव में सब करते हैं राम-राम, फिर करते हैं आराम।
उन्होंने आगे कहा, अगर मामला अदालत के पास ही जाना है तो चुनाव के प्रचार के दौरान उसे इस्तेमाल न करें और बता दो कि भाइयों और बहनों हमें माफ करो ये भी हमारा एक चुनावी जुमला था. हिंदुओं और उनकी भावनाओं के साथ खिलवाड़ न करें, यही कहने मैं यहां आया हूं।
उन्होंने कहा, 'मैंने सुना था कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मंदिर था, है और रहेगा। यह तो हमारी धारणा है. हमारी भावना है। दुख इस बात का है कि वो दिख नहीं रहा है। वो मंदिर दिखेगा कब। जल्द से जल्द उसका निर्माण होना चाहिए।'
उद्धव ने अपनी यात्रा को सफल बताते हुए कहा कि कल से मैं अयोध्या में हूं। मेरी अयोध्या यात्रा सफल रही। संतों से मैंने कहा कि जो कार्य हम करने जा रहे हैं, वो आपके सहयोग के बिना पूरा नहीं हो सकता। पूरा देश इंतजार कर रहा कि राम मंदिर कब बनेगा। हम कब तक इंतजार करेंगे।
इससे पहले शनिवार को अपने परिवार के साथ अयोध्या पहुंचे उद्धव ने सरयू तट पर आरती की। उन्होंने साधू संतों और महाराष्ट्र से हजारों की संख्या में आए शिवसैनिकों को संबोधित करते हुए बीजेपी और मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला। उद्धव ठाकरे ने कहा कि वे यहां सिर्फ आशीर्वाद लेने आए हैं, लेकिन अब आते रहेंगे। उन्होंने कहा कि जब वे अयोध्य आ रहे थे, तो लोग उनसे पूछ रहे थे कि क्या राजनीति करने पहुंच रहे हो। मैं यहां राजनीति करने नहीं आया हूं। मैं आज कुंभकर्ण बनी बीजेपी को जगाने आया हूं। कुंभकर्ण तो छह महीने सोता था, लेकिन बीजेपी चार साल से सो रही है। मैं चाहता हूं कि सब मिलकर मंदिर बनाए।