Advertisement

महाभियोग प्रस्ताव खारिज होने पर बोली कांग्रेस, सभापति के पास मेरिट तय करने का अधिकार नहीं

चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू द्वारा महाभियोग प्रस्ताव खारिज करने के...
महाभियोग प्रस्ताव खारिज होने पर बोली कांग्रेस, सभापति के पास मेरिट तय करने का अधिकार नहीं

चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू द्वारा महाभियोग प्रस्ताव खारिज करने के बाद कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने उपराष्ट्रपति के इस फैसले पर बड़ी हैरानी जताई है। इससे पहले कांग्रेस राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने भी कहा था कि महाभियोग प्रस्ताव खारिज करने का उपराष्ट्रपति के पास कोई कारण नहीं है और मुझे उम्मीद है कि वह ऐसा नहीं करेंगे।

राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू द्वारा चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव को खारिज करने के बाद अब कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने एक के बाद एक कई ट्वीट करते हुए उपराष्ट्रपति पर निशाना साधा है। सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा कि महाभियोग लाने के लिए 50 सांसदों की जरूरत होती है, जो हमने पूरा किया। राज्यसभा चेयरमैन प्रस्ताव की मेरिट तय नहीं कर सकते हैं। अब ये लड़ाई सीधे तौर पर लोकतंत्र को बचाने वाले और लोकतंत्र को खारिज करने वालों के बीच में है।

कांग्रेस प्रवक्ता ने ट्वीट में लिखा कि प्रस्ताव आने के कुछ ही समय बाद वित्त मंत्री ने इसे रिवेंज पेटीशन बताया था जोकि राज्यसभा चेयरमैन के फैसले को प्रभावित करने वाला बयान था। राज्यसभा चेयरमैन प्रशासनिक शक्ति के अभाव में इस तरह का फैसला नहीं ले सकते हैं।

वहीं, इस दौरान सुरजेवाला ने एम. कृष्णा स्वामी केस का हवाला देते हुए लिखा कि अगर सभी आरोप जांच से पहले ही खारिज हो जाएं तो संविधान और जज इन्क्वाएरी एक्ट का कोई मतलब नहीं रहता है।

नहीं पता किस आधार पर प्रस्ताव को खारिज किया गया: पीएल पुनिया

महाभियोग प्रस्ताव खारिज करने के बाद कांग्रेस नेता पीएल पुनिया ने कहा, 'यह एक महत्वपूर्ण मसला है। हमें नहीं पता किस आधार पर प्रस्ताव को खारिज किया गया। कांग्रेस और दूसरी पार्टियां कानून के जानकारों से राय लेकर अगला कदम उठाएंगे।'

अभिषेक मनु सिंघवी

वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने ट्वीट किया, 'उम्मीद के अनुसार, श्री नायडू ने महाभियोग प्रस्ताव खारिज कर दिया। उम्मीद के उलट, उन्होंने आउटस्टेशन से लौटने के एक दिन के अंदर ही यह फैसला लिया। उम्मीद है कि यह फुर्ती चीफ जस्टिस को उनके प्रशासनिक कार्यों में किसी तरह की बाधा न पहुंचे इस उद्देश्य से नहीं दिखाई गई है।'

किस आधार पर उन्होंने ऐसा किया?:प्रशांत भूषण

इस प्रस्ताव के खारिज होने पर वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने ट्वीट किया, 'क्या! वीपी नायडू ने चीफ जस्टिस के खिलाफ महाभियोग नोटिस को 64 सांसदों के हस्ताक्षर होने के बाद भी हटा दिया। किस आधार पर उन्होंने ऐसा किया? आरोपों में सच्चाई नहीं है यह कहने का अधिकार उनके पास नहीं है। यह 3 जजों की जांच कमेटी तय करेगी। उन्हें (उपराष्ट्रपति) सिर्फ यह देखना था कि जरूरी 50 सांसदों के हस्ताक्षर हुए हैं या नहीं।'

वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने यह भी कहा कि यह फैसला राजनीति से प्रेरित लगता है। ऐसा लग रहा है महाभियोग प्रस्ताव खारिज करने के पीछे उद्देश्य राजनीतिक है और चीफ जस्टिस को बचाने के लिए यह फैसला लिया गया।

 

महाभियोग का कदम उठाकर कांग्रेस ने आत्महत्या की है: स्वामी

 

चीफ जस्टिस के खिलाफ महाभियोग के प्रस्ताव के विरोध में स्वामी ने कहा, 'उन्होंने सही फैसला (उपराष्ट्रपति द्वारा महाभियोग प्रस्ताव खारिज) लिया है। उन्हें यह फैसला लेने के लिए दो दिन का इंतजार करवाने की जरूरत नहीं थी। इसे शून्य ही माना जाना चाहिए था और शुरुआत से इसे बाहर फेंक दिया जाना चाहिए था। कांग्रेस ने ऐसा करके आत्महत्या भरा कदम उठाया है'।

इसे एक गलत सलाह वाला कदम कहा जाएगा: आरएस सोढ़ी

 

दीपक मिश्रा को हटाने वाले प्रस्ताव को उप-राष्ट्रपति द्वारा खारिज किए जाने पर पूर्व जज आरएस सोढ़ी ने कहा, आप जानते थे कि आपके पास कोई आधार नहीं है। आप जानते थे कि आप उन्हें नहीं हटा सकते। यह सब जानने के बाद भी आप आगे बढ़े। इसे एक गलत सलाह वाला कदम कहा जाएगा।

महाभियोग के प्रस्ताव को खारिज करना राजनीति: अरविंद सावंत

शिवसेना के नेता अरविंद सावंत ने महाभियोग नोटिस के खारिज होने पर कहा है कि दोनों ही पार्टियां गंदी राजनीति कर रही हैं और जिस तरह से महाभियोग के प्रस्ताव को खारिज किया गया है वह भी राजनीतिक है। उन्हें इंतजार करना चाहिए था। कम से कम इतनी जल्दी प्रस्ताव को खारिज करने की जरूरत नहीं थी। 

राज्यसभा के सभापति ने खारिज किया महाभियोग का प्रस्ताव

गौरतलब है कि सोमवार सुबह चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ विपक्ष द्वारा पेश किए गए महाभियोग प्रस्ताव को राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने खारिज कर दिया है। बताया जा रहा है कि महाभियोग प्रस्ताव पर सात रिटायर्ड सासंदों के दस्तखत होने की वजह से राज्यसभा सभापति वेंकैया नायडू ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। साथ ही बताया यह भी जा रहा है कि उपराष्ट्रपति को इस प्रस्ताव में कोई मेरिट नहीं दिखा यानी तकनीकी आधार पर इस प्रस्ताव को खारिज किया गया है।

वेंकैया नायडू ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि चीफ जस्टिस के खिलाफ लाया गया ये महाभियोग न ही उचित है और न ही अपेक्षित है। इस प्रकार का प्रस्ताव लाते हुए हर पहलू को ध्यान में रखना चाहिए। ‘इस खत पर सभी कानूनी सलाह लेने के बाद ही मैं इस प्रस्ताव को खारिज करता हूं।’

 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad