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बिलकिस बानो मामले से जुड़े महत्वपूर्ण घटनाक्रम पर एक नजर

बिलकिस बानो से सामूहिक बलात्कार और उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या मामले में सोमवार को उच्चतम...
बिलकिस बानो मामले से जुड़े महत्वपूर्ण घटनाक्रम पर एक नजर

बिलकिस बानो से सामूहिक बलात्कार और उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या मामले में सोमवार को उच्चतम न्यायालय ने 11 दोषियों को माफी देने के गुजरात सरकार के फैसले को रद्द कर दिया। इस मामले में जुड़े महत्वपूर्ण घटनाक्रमों की सूची इस प्रकार है:

*3 मार्च, 2002: अहमदाबाद के पास रंधीकपुर गांव में 21 वर्षीय बिलकिस बानो के परिवार पर हिंसक भीड़ ने हमला किया। महिला के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया जबकि उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या कर दी गई।

*दिसंबर 2003: उच्चतम न्यायालय ने बिलकिस बानो के मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच का निर्देश दिया।

*21 जनवरी, 2008: एक विशेष अदालत ने बिलकिस बानो से बलात्कार और उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या के मामले में 11 लोगों को दोषी ठहराया और उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई।

*दिसंबर 2016: बंबई उच्च न्यायालय ने उम्रकैद की सजा पाए 11 कैदियों की अपील पर फैसला सुरक्षित रखा।

*मई 2017: बंबई उच्च न्यायालय ने 11 दोषियों की उम्रकैद की सजा बरकरार रखी।

*23 अप्रैल, 2019: उच्चतम न्यायालय ने गुजरात सरकार से बिलकिस बानो को 50 लाख रुपये का मुआवजा देने को कहा।

*13 मई 2022: उच्चतम न्यायालय ने गुजरात सरकार को निर्देश दिया कि वह नौ जुलाई 1992 की अपनी नीति के अनुसार समय पूर्व रिहाई के लिए एक दोषी की याचिका पर विचार करे।

*15 अगस्त, 2022: गुजरात सरकार की माफी नीति के तहत गोधरा उप-कारागार से 11 दोषियों को रिहा किया गया।

*25 अगस्त, 2022: उच्चतम न्यायालय ने दोषियों की समय पूर्व रिहाई के खिलाफ भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) की पूर्व सांसद सुभाषिनी अली, पत्रकार रेवती लौल और प्रोफेसर रूप रेखा वर्मा द्वारा संयुक्त रूप से दायर जनहित याचिका पर केंद्र और गुजरात सरकार को नोटिस जारी किया।

*30 नवंबर, 2022: बिलकिस बानो ने 11 दोषियों की सजा माफ करने के गुजरात सरकार के फैसले को चुनौती देते हुए उच्चतम न्यायालय का रुख किया और कहा कि उनकी समय पूर्व रिहाई ने समाज की अंतरात्मा को हिला दिया है।

*17 दिसंबर, 2022: उच्चतम न्यायालय ने बिलकिस बानो की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने उससे 13 मई के अपने उस फैसले पर पुनर्विचार का अनुरोध किया था जिसमें शीर्ष अदालत ने कहा था कि गुजरात सरकार सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले के एक दोषी द्वारा दायर समय पूर्व रिहाई के आवेदन की जांच करने में सक्षम है।

* 27 मार्च, 2023: बिलकिस बानो की याचिका पर केंद्र, गुजरात सरकार और अन्य को नोटिस जारी किया गया।

* 7 अगस्त, 2023: उच्चतम न्यायालय ने सजा में छूट देने के गुजरात सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अंतिम सुनवाई शुरू की।

* 12 अक्टूबर, 2023: उच्चतम न्यायालय ने बिलकिस बानो द्वारा दायर याचिका सहित अन्य याचिकाओं पर 11 दिन की सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रखा।

* 08 जनवरी, 2024: उच्चतम न्यायालय ने 11 दोषियों की सजा माफी रद्द करते हुए कहा कि आदेश घिसा-पिटा है और बिना सोचे-समझे पारित किया गया। उच्चतम न्यायालय ने दोषियों को दो सप्ताह के भीतर जेल अधिकारियों के समक्ष समर्पण करने का निर्देश दिया।

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