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देश की एकता में बाधक था अनुच्छेद 370, पीओके नेहरू की गलती: अमित शाह

महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनाव के ऐलान के बाद राजनीतिक बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है। भारतीय...
देश की एकता में बाधक था अनुच्छेद 370, पीओके नेहरू की गलती: अमित शाह

महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनाव के ऐलान के बाद राजनीतिक बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रविवार को महाराष्ट्र में कहा कि चुनावी अभियान की शुरुआत अनुच्छेद 370 को हटाने के परिचय के कार्यक्रम से हो रही है। शाह ने कहा कि अनुच्छेद 370 देश को एक सूत्र में जोड़ने में बाधक था। बीजेपी ने दूसरी बार सत्ता में आते ही इस बाधा को खत्म कर दिया है।

पीओके नेहरू की गलती

अमित शाह ने कहा कि जब से अनुच्छेद 370 और 35-A वजूद में आया था तभी से जनसंघ और बीजेपी ने इसका विरोध किया है। अनुच्छेद 370 देश के साथ कश्मीर के जुड़ाव में बाधा रही है, साथ ही देश की एकता में भी बाधा रहा है। बीजेपी अध्यक्ष ने महाराष्ट्र की चुनावी जंग में 370 का मुद्दा उठाते हुए कहा कि ये नेहरू की गलती थी जिसकी वजह से पीओके बना और आज मौजूद है। उन्होंने कहा कि पीओके का मुद्दा आज नहीं रहता अगर तब के प्रधानमंत्री नेहरू ने 1947 में समय से पहले सीजफायर का ऐलान ना किया होता जब हमारी सेना घुसपैठियों से अच्छे से लड़ रही थी। अमित शाह ने कहा कि संस्कृति की रक्षा के लिए अनुच्छेद 370 की जरूरत नहीं है। गुजरात, महाराष्ट्र और केरल को इसकी जरूरत नहीं पड़ी। जम्मू-कश्मीर में भ्रष्टाचार बंद हो जाता इसलिए वहां के तीन परिवारों ने 370 को संभालकर रखा।

370 की वजह से 40 हजार लोग मारे गए

उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 के कारण देश में आतंकवाद आया। इसके बाद ही कश्मीर से कश्मीरी पंडितों, सूफी-संतों को निकाल दिया गया और आतंकवाद चरम पर पहुंचा। अब तक 370 के कारण करीब 40 हजार लोग मारे गए और कांग्रेस पूछती है कि 370 को क्यों हटाया गया। अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी के साहस और हौसले की वजह से इस बार संसद के पहले ही सत्र में अनुच्छेद 370 को उखाड़ कर फेंक दिया गया।

मोदी के आने से हिली परिवारवादी पार्टियों की नींव

उन्होंने कहा, ‘मुझे गर्व है कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और अब वहां अनुच्छेद 370 नहीं है। साथ ही अमित शाह ने कहा कि 370 हटना बीजेपी के लिए राजनीतिक मुद्दा नहीं है, भारत को एक और अखंड बनाने का संकल्प है जो पीएम मोदी ने पूरा किया है। प्रधानमंत्री मोदी के आने के बाद परिवारवादी पार्टियों की नींव हिलने लगी है। अब कश्मीर में भी परिवारवादी पार्टियों का सफाया होने वाला है। कश्मीर में 370 हटने के बाद जनता शांति से अपना जीवन व्यापन कर रही है, वहां के सिर्फ 10 थानों में प्रतिबंधित धाराएं लगीं हैं, 99 फीसदी लैंडलाइन खुल गए हैं।

एक तरफ राष्ट्रवादी पार्टी, एक तरफ परिवारवादी पार्टी

अमित शाह ने कहा, महाराष्ट्र चुनाव में दो तरह की पार्टियां चुनाव के मैदान में हैं। एक ओर भारत मां को अपना सर्वस्व मानने वाली पार्टी बीजेपी है और दूसरी ओर अपने परिवारों को अपना सर्वस्व मानने वाली कांग्रेस और एनसीपी है। अब महाराष्ट्र की जनता को तय करना है कि उन्हें राष्ट्रवादी पार्टी के साथ जाना है या परिवारवादी पार्टियों के साथ जाना है।

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