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ब्रिक्सः विकास में समान भागीदारी से ही वैश्विक लक्ष्यों की प्राप्ति संभव

ब्रिक्स महिला सांसद मंच ने एक स्वर से विश्व स्तर पर आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरण सम्बन्धी मानवीय चुनौतियों के निदान, समन्वित एवं सतत विकास में सभी की समान भागीदारी से कार्य किए जाने पर जोर दिया। जयपुर में चल रहे ब्रिक्स देशों के महिला सांसदों के सम्मेलन के सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्त में सहायक विषयक सत्र में प्रतिभागियों ने विकासशील देशों के लिए विभिन्न स्तरों पर आर्थिक समानता के लिए विकसित देशों द्वारा कुछ प्रतिशत का प्रावधान रखे जाने, वैश्विक लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए महिलाओं के लिए आगे आकर पहल किए जाने पर चर्चा हुई।
ब्रिक्सः विकास में समान भागीदारी से ही वैश्विक लक्ष्यों की प्राप्ति संभव

 

सत्र की अध्यक्षता करते हुए डिप्टी चेयरपर्सन ऑफ काउंसिल ऑफ फेडरेशन रूस मिस गेलिना कैरेलोवा ने सामाजिक-आर्थिक विकास के मुद्दों को प्रमुखता दिए जाने पर जोर देते हुए कहा कि ब्रिक्स के जरिये महिला सांसदों को सतत विकास लक्ष्यों में प्रभावी भूमिका निभानी चाहिए। ब्राजील प्रतिनिधिमंडल की प्रमुख प्रोफेसर डोरिना सेब्रा रेजेन्दे ने कहा कि स्थानीय लक्ष्यों को वैश्विक लक्ष्यों से अलग नहीं किया जा सकता। अगर विश्व स्तर पर समस्याओं का निदान करना है तो स्थानीय नीतियों पर भी ध्यान देना होगा।

उन्होंने ब्रिक्स के माध्यम से एक-दूसरे के अनुभवों का लाभ लेते हुए विभिन्न मानवीय समस्याओं का साझा होकर समाधान किए जाने की कार्ययोजना तैयार किए जाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इसके लिए राष्ट्रीय, राज्य एवं स्थानीय स्तर पर एक होकर कार्य करना होगा। आतंकवाद को इस समय विकास में बडी बाधा बताते हुए एकजुट होकर इस संबंध में भी कार्य किए जाने पर जोर दिया।

चीन के प्रतिनिधिमंडल की अध्यक्ष मिस वेन मा ने कहा कि ब्रिक्स को विश्व में आर्थिक विकास एवं नियोजन के क्षेत्र में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए। उन्होंने सभी देशों को वैश्विक अर्थ व्यवस्था के विकास के लिए साझा होकर काम करने की आवश्यकता है। उन्होंने चीन की अर्थव्यवस्था के अन्तर्गत किए जा रहे विकास कार्यों की भी जानकारी दी।

दक्षिण अफ्रीका की प्रतिनिधि एन. मर्चेसी ने कहा कि गरीबी पूरी दुनिया के लिए एक चुनौती है। मानव जाति को गरीबी से मुक्त कराना सतत विकास का लक्ष्य होना चाहिए। विकास को समाज के सभी वर्गों, विशेषकर महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों तक इस तरह पहुंचाना होगा कि कोई भी पीछे न छूट जाए। उन्होंने सभी क्षेत्रों में आत्मनिर्भर व्यवस्था के लिए भी सतत कार्य किए जाने और महिला सशक्तीकरण पर विशेष ध्यान दिए जाने की आवश्यकता जताई।

राज्यसभा सांसद कुमारी शैलजा ने भारत में कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व के सफल प्रयोग पर बात करते हुए कहा कि अब समय आ गया है जब निजी क्षेत्र को भी विकास प्रक्रिया से जोडा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस संबंध में सभी प्रतिभागी देशों को नीतियां और कार्यक्रमों में क्षमता संवर्धन पर भी ध्यान दिए जाने की जरूरत है। उन्होंने सतत विकास के लिए तकनीक हस्तांतरण, क्षमता संवर्धन, विज्ञान, आधारभूत संरचना पर ध्यान देने पर जोर दिया।

इस सत्र में लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, मिस गेलिना कैरेलोवा, सांसद जया बच्चन और अन्य प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

इससे पहले लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने ब्रिक्स के महिला जन प्रतिनिधियों के फोरम की बैठक का उद्घाटन किया। उन्होंने इस मौके पर कहा कि  ब्रिक्स के सदस्य देश सतत विकास लक्ष्यों के सफल क्रियान्वयन के लिए एकजुटता दिखाएं। महाजन ने बैठक के उद्घाटन में समावेश और सामाजिक उन्नति को बढ़ावा देने के लिए हाल ही में की गई जन धन योजना, वित्तीय समावेशन संबंधी राष्ट्रीय मिशन, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अथवा बालिकाओं को प्रोत्साहित और उनको शिक्षित बनाने संबंधी योजना, मेक-इन इंडिया, कौशल विकास, डिजिटल इंडिया का उल्लेख करते हुए कहा कि ब्रिक्स एक नया समूह है।

लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि विश्व की 43 प्रतिशत जनसंख्या ब्रिक्स देशों में रहती है और इनका विश्व के सकल घरेलू उत्पाद में 37 प्रतिशत योगदान है। इस प्रकार सतत विकास लक्ष्यों की सफलता पूरी तरह से ब्रिक्स देशों में उसके सफल कार्यान्वयन पर निर्भर करती है। उन्होंने इस बात की प्रशंसा की कि ब्रिक्स ने आपसी हितों के आर्थिक मुद्दों पर परामर्श के लिए एक मंच से शुरुआत करके स्वयं को एक ऐसे समूह के रूप में विकसित किया है, जिसके एजेंडा में इस समय विभिन्न विश्व स्तर के सामयिक मुद्दे हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि भारत के नेतृत्व के दौरान ब्रिक्स सहयोग और अधिक मजबूत होगा। (एजेंसी)

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