उत्तर प्रदेश में आयोगों और निगमों सहित परिषदों में रिक्त पदों पर नियुक्ति के लिए लंबे समय से बहुप्रतीक्षित सूची आचार संहिता लागू होने के चंद घंटों पहले जारी हो गई। इसमें सरकार और संगठन ने सभी को साधने की कोशिश की है, लेकिन बड़ी संख्या में पार्टी के पदाधिकारियों को इस बात का मलाल भी है कि उन्हें मौका नहीं मिला। दबी जुबान में वह अपनी कसक भी जाहिर कर रहे हैं।
प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद मंत्रीमंडल विस्तार की उम्मीद संगठन के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को थी लेकिन किन्हीं ना किन्हीं कारणों से विस्तार टलता गया। इस बीच संगठन की ओर से पदाधिकारियों का बायोडेटा भी मंगाया गया था और कुछ लोगों ने खुद ही दिया था। ऐसे हजारों बायोडाटा संगठन में जमा हुए थे। कुछ पदाधिकारियों को संगठन के विभिन्न प्रकोष्ठों, मोर्चों सहित अन्य जगहों पर समाहित किया गया, लेकिन फिर भी बड़ी संख्या में कार्यकर्ता और पदाधिकारी वंचित रह गए। ऐसे में पदाधिकारियों को उम्मीद थी कि अब सरकार में निगमों आयोगों और परिषदों सहित रिक्त पदों पर समायोजित किया जाएगा। इसकी शुरूआत सरकार ने पिछले महीने की और उन्होंने व्यापारी कल्याण आयोग, पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग सहित अन्य स्थानों पर अध्यक्ष सहित अन्य पदों पर नामों की घोषणा की। इस सूची को लेकर भी विवाद हुआ था। भाजपा के सहयोगी संगठन सुभासपा के ओम प्रकाश राजभर ने आरोप लगाया था कि उनके ओर से भेजे गए सिफारिश में एक को भी समायोजित नहीं किया गया है। ऐसे ही व्यापारी कल्याण आयोग में सूची में नामों को लेकर चर्चा काफी गरम थी, लेकिन पार्टी के विरोध में किसी ने जुबान नहीं खोली। वेस्ट यूपी के मेरठ के एक बड़े व्यापारी नेता ने इतना जरूर स्वीकार किया कि अगर पार्टी को यही करना था, तो बायोडाटा किस लिए मांगा था। इसके बाद सरकार की ओर से उत्तर प्रदेश राज्य सूचना आयोग में 10 रिक्त पदों पर सूचना आयुक्तों की नियुक्ति की गई। इसमें तीन पत्रकार और रिटायर आईएएस और आईपीएस को समायोजित किया गया।
भाजपा नेता प्रेम प्रकाश त्रिपाठी ने बताया कि पार्टी की ओर से कार्यकर्ता को काम बताया जाता है, लेकिन जब पार्टी को कार्यकर्ता को देने का वक्त आता है, तो वह भूल जाती है। पार्टी में बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं, जिन्हें समायोजन का अभी भी इंतजार है।
पार्टी में प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य रहे संतोष दुबे ने बताया कि उन्होंने कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों की उपेक्षा के कारण नवंबर माह में शिवसेना का दामन थाम लिया था। इस समय वह प्रदेश महासचिव का दायित्व संभाल रहे हैं।
पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी का कहना है कि पार्टी परिवार की तरह है। पार्टी सभी को अलग-अलग समय में भूमिकाएं देती है। अभी सरकार है तो सरकार में भूमिका दी जा रही है। पार्टी नेतृत्व जो भी निर्णय लेता है, उसे संगठनिष्ठ कार्यकर्ता सर आंखों पर रखते हैं और जो भी जिम्मेदारी दी जाती है उसका निर्वहन करते हैं।
राठौर को बड़ी जिम्मेदारी
यूपी भाजपा के संगठन की रीढ़ कहे जाने वाले प्रदेश उपाध्यक्ष और लोकसभा चुनाव प्रबंधन प्रभारी जेपीएस राठौर को उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया है। उन्होंने कल ही कार्यभार ग्रहण कर लिया था। राठौर ने आईआईटी बीएचयू से बीटेक और एमटेक की शिक्षा के बाद 1996 में बीएचयू के छात्र संघ अध्यक्ष बने। इसके बाद भाजपा युवा मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, आईटी सेल के प्रदेश अध्यक्ष का दायित्व निभाया है।
अनुप्रिया के कोटे से
उत्तर प्रदेश सरकार ने निगमों के अध्यक्ष/उपाध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति में अनुप्रिया पटेल के विशेष अनुरोध पर अपना दल (एस) के सात लोगों का चयन हुआ है। ओपी कटियार (राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष) उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास निगम लिमिटेड, अजय प्रताप सिंह (राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य) उत्तर प्रदेश पशुधन विकास परिषद, रमाकांत पटेल (जिला अध्यक्ष मिर्जापुर) उत्तर प्रदेश राज्य एकीकरण परिषद, पार्टी के शुरुआती दिनों से संघर्षशील साथी हर वक्त कंधे से कंधा मिलाकर चलने वाले राजेंद्र प्रसाद पाल (प्रदेश अध्यक्ष उत्तर प्रदेश) उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सदस्य के पद पर हुआ है। इसके अलावा पार्टी के बहुत ही पुराने एवं वफादार साथी अरविंद पटेल बौद्ध (राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य) पूर्वांचल विकास बोर्ड सदस्य के पद पर हुआ है। रेखा वर्मा (प्रदेश अध्यक्ष महिला मंच) उत्तर प्रदेश राज्य बीज प्रमाणीकरण संस्था अध्यक्ष और राम लखन पटेल (राष्ट्रीय सचिव युवा मंच) उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद को जगह दिया गया है।
राजभर का भी रखा ख्याल
राजभर के बेटे अरविंद राजभर को उत्तर प्रदेश लघु उद्योग निगम का अध्यक्ष नामित किया गया है। इसके अलावा सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी से जुड़े राणा अजित प्रताप सिंह को उत्तर प्रदेश बीज विकास निगम का अध्यक्ष बनाया गया है। ओम प्रकाश राजभर के सहयोगी सुदामा राजभर को पशुधन विकास परिषद का सदस्य, वहीं सुनील अर्कवंशी और राधिका पटेल को राज्य एकीकरण परिषद के सदस्य के लिए नामित किया गया है। महेश प्रजापित को उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग एवं विकास निगम में सदस्य बनाया गया है।