प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अल्पसंख्यकों पर दिए बयान पर एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने निशाना साधा है। ओवैसी ने कहा कि यदि पीएम मोदी इस बात से सहमत है कि अल्पसंख्यक भय में जी रहे हैं तो उन्हें यह भी जानना चाहिए कि जिन लोगों ने अखलाक की हत्या की, वे उनकी चुनावी जनसभा में उनके सामने पहली पंक्ति में बैठे थे। ओवैसी ने कहा कि पीएम मोदी यह बयान ढोंग है।
'मोदी की पार्टी से कितने मुस्लिम सांसद?'
उन्होंने पीएम मोदी से सवाल किया कि यदि प्रधानमंत्री यह महसूस करते हैं कि मुस्लिम भय में जी रहे हैं तो क्या वह उस गैंग को रोंकेगे जो गाय के नाम पर हत्याएं कर रहा है, मुसलमानों की पिटाई कर रहा है और उनके वीडियो बनाकर बदनाम कर रहा है? औवेसी ने कहा कि यदि मुस्लिम वास्तव में भय में जी रहे हैं तो पीएम मोदी हमें बताएं कि 300 सांसदों में उनके अपनी पार्टी में कितने मुस्लिम सांसद हैं जो लोकसभा में चुने गए हैं?
'पांच साल से भाजपा कर रही ढोंग'
एआईएमआईएम चीफ ने कहा कि यह ढोंग और विरोधाभास है जिसका पालन पीएम मोदी और उनकी पार्टी पिछले पांच साल से कर रही है। बता दें कि बीजेपी और एनडीए के सर्वसम्मति से नेता चुने जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को सेंट्रल हॉल में एनडीए के नए सांसदों को संबोधित किया था। अपने भाषण में मोदी ने कहा था कि देश के अल्पसंख्यकों के साथ अबतक छल हुआ है, जिसे आगे नहीं होने दिया जाएगा।
'अल्पसंख्यकों को छला गया'
अपने भाषण के आखिर में मोदी ने अल्पसंख्यकों के साथ हुई वोटबैंक की राजनीति का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि जैसा गरीबों के साथ जैसा छल हुआ, वैसा ही छल देश के अल्पसंख्यकों के साथ हुआ है। मोदी बोले, 'दुर्भाग्य से देश के अल्पसंख्यकों को उस छलावे में भ्रमित और भयभीत रखा गया है, उससे अच्छा होता कि अल्पसंख्यकों की शिक्षा, स्वास्थ्य की चिंता की जाती। 2019 में आपसे अपेक्षा करने आया हूं कि हमें इस छल को भी छेदना है। हमें विश्वास जीतना है।'
'विश्वास से पैदा होती है प्रो-इंकम्बेंसी लहर'
मोदी ने कहा कि जनता ने उनपर विश्वास किया, जिसकी वजह से उन्होंने दोबारा सरकार बनाई। उन्होंने कहा, 'विश्वास की डोर जब मजबूत होती है, तो प्रो-इंकम्बेंसी वेव पैदा होती है, यह वेव विश्वास की डोर से बंधी हुई है।' उन्होंने आगे कहा कि ये चुनाव पॉजिटिव वोट का चुनाव रहा। लोग इसलिए वोट करने गए कि फिर से इस सरकार को लाना है, काम देना है, जिम्मेदारी देनी है। इस सकारात्मक सोच ने इतना बड़ा जनादेश दिया है।