निकाय चुनाव समाप्त होने के बाद उत्तर प्रदेश के सभी शीर्ष नेता गुजरात विधानसभा चुनाव में व्यस्त हो गए हैं। भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी का शीर्ष नेतृत्व पूरी ताकत से गुजरात के चुनावी रण में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए पसीना बहा रहा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहले ही दो चरणों में गुजरात का दौरा कर चुके हैं। इस हफ्ते वे फिर वहां चुनावी जनसभाओं को संबोधित करेंगे। योगी को उनके भाषणों और मजबूत हिंदुत्व छवि के कारण गुजरात में काफी पसंद किया जा रहा है। खासकर उन इलाकों में उनकी काफी मांग है जहां उप्र और बिहार के लोग बसे हुए हैं। इसके पहले उन्होंने हिमाचल प्रदेश में भी चुनाव प्रचार किया था।
सपा अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री आखिलेश यादव ने सोमवार को गुजरात में रैली की। वे सात नवंबर तक गुजरात में प्रचार करेंगे। सपा गुजरात की 182 विधानसभा सीटों में से केवल 5 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। बसपा सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती का भी गुजरात दौरे का कार्यक्रम है। यूपी निकाय चुनाव में उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन करने वाली बसपा गुजरात में सभी विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ रही है। गुजरात में 9 और 14 दिसंबर को वोट डाले जाएंगे और वोटों की गिनती 18 दिसंबर को होगी।
गुजरात में कांग्रेस का 22 सालों का वनवास खत्म करने के लिए धुआंधार प्रचार कर रहे पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी यूपी के अमेठी से ही सांसद हैं। रैलियों के साथ-साथ मंदिरों में दर्शन कर वे गुजरात के हिन्दू मतदाताओं के बीच पार्टी की पैठ बनाने की कोशिश कर रहे हैं। दूसरी ओर, भाजपा को उम्मीद है कि बनारस से सांसद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मैजिक के दम पर वह सत्ता बरकरार रखने में सफल रहेगी। मोदी का गृह राज्य होने के कारण यह चुनाव सत्ताधारी भाजपा के लिए नाक का सवाल बन गया है।