प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को कथित दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति घोटाले के संबंध में पूछताछ के लिए बुलाया है। नोटिस जारी होते ही भाजपा नेताओं के आरोपों को आवाज़ मिल गई। सत्ता पक्ष के तमाम नेताओं ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने "ईमानदारी के सर्टिफिकेट" को लेकर केजरीवाल पर तंज कसा है।
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, ''जो लोग ईमानदारी का सर्टिफिकेट देते थे, उनके मंत्री एक के बाद एक जेल गए और उन्हें जमानत तक नहीं मिली। पिछले एक साल से अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, सत्येन्द्र जैन और संजय सिंह को ईमानदारी का सर्टिफिकेट दे रहे हैं। सच्चाई यह है कि जब से वे सत्ता में आए हैं, उनके नेता भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। आप ने दिल्ली और पंजाब में भ्रष्टाचार किया है। आज स्थिति ऐसी है कि पता नहीं उनके मंत्रियों की संख्या जेल में ज्यादा है या बाहर।"
#WATCH Delhi: On ED summoning CM Arvind Kejriwal, Union Minister Anurag Thakur says "Those who used to give certificates of honesty, his ministers went to jail one after the other and did not even get bail. For the last year, Arvind Kejriwal has been giving certificates for… pic.twitter.com/TDuexcIyeK
— ANI (@ANI) October 31, 2023
भाजपा नेता शहजाद पूनावाला कहते हैं, " 'शराब घोटाला' केजरीवाल का 'घोटाला' है, केजरीवाल द्वारा, केजरीवाल के लिए। मिस्टर केजरीवाल 'शराब घोटाला' के मास्टरमाइंड, किंगपिन हैं। इसमें कोई संदेह नहीं बचा है। आज कानून प्रवर्तन एजेंसियों और उनके द्वारा अब तक की गई सभी जांचों को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सही ठहराया गया है।"
#WATCH | Delhi: On ED summoning CM Arvind Kejriwal, BJP leader Shehzad Poonawalla says, "...The 'sharab ghotala' is a 'ghotala' of Kejriwal, by Kejriwal, for Kejriwal. Mr Kejriwal is the mastermind, the kingpin of the 'sharab ghotala'. There is no doubt left in it anymore. Today… pic.twitter.com/19Wz58TvZW
— ANI (@ANI) October 30, 2023
बीजेपी नेता और हिमाचल प्रदेश के पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने कहा, ''अगर ईडी ने समन भेजा है तो यह सामान्य बात नहीं है। जरूर कुछ सबूत मिले होंगे। अगर वह (अरविंद केजरीवाल) सच्चे हैं तो उन्हें पेश करना चाहिए उनका पक्ष। अगर उन्होंने कुछ गलत किया है तो निश्चित रूप से कानून अपना काम करेगा।"
#WATCH | Delhi: On ED summoning CM Arvind Kejriwal, BJP leader and former Himachal Pradesh CM Jairam Thakur says, "...If ED has sent summons, it is not a normal thing. Surely some evidence must have been found...If he (Arvind Kejriwal) is truthful then he should present his side.… pic.twitter.com/Yf1bTl0rrl
— ANI (@ANI) October 30, 2023
दिल्ली बीजेपी प्रमुख वीरेंद्र सचदेवा ने कहा, "जब शराब घोटाला सामने आया, तो हम शुरू से कह रहे हैं कि सीएम अरविंद केजरीवाल इस घोटाले के किंगपिन हैं। जब सुप्रीम कोर्ट ने मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी और साबित किया कि 338 करोड़ रु. पैसा पीछे चल रहा है, इसलिए अरविंद केजरीवाल को बताना पड़ा कि उन्होंने 338 करोड़ रुपये कहां खर्च किए हैं। अरविंद केजरीवाल और उनकी पूरी टीम जो खुद को ईमानदार कहते हैं, उनके चेहरे बेनकाब हो गए हैं।''
पश्चिम बंगाल बीजेपी अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा, ''वह (दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल) हमारी 'दीदी' (पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी) के भाई हैं। 'दीदी' ने उन्हें जो ज्ञान दिया है, उसके कारण उनका उपमुख्यमंत्री जेल में हैं और अब हम देख सकते हैं कि मुख्यमंत्री जेल जाने वाले हैं। इसलिए जो भी सीएम ममता बनर्जी के साथ रहेगा उसे जेल जाना होगा। पहले भाई जा रहे हैं और फिर 'दीदी' जाएंगी। INDI गठबंधन के सभी नेता चोर हैं।"
गौरतलब है कि ईडी ने कथित घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में केजरीवाल को तलब किया है। उन्हें 2 नवंबर को पूछताछ के लिए बुलाया है। इससे पहले मुख्यमंत्री को सीबीआई अप्रैल महीने में पूछताछ के लिए बुला चुकी है। 16 अप्रैल को केंद्रीय जांच ब्यूरो ने अरविंद केजरीवाल से नौ घंटे तक पूछताछ की थी। मामले में जांच एजेंसी दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।
आप के वरिष्ठ नेता मनीष सिसौदिया कथित दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति घोटाले से जुड़े एक मामले में फरवरी से पहले से ही जेल में हैं। कथित घोटाले के समय उनके पास केजरीवाल की दिल्ली कैबिनेट में उत्पाद शुल्क विभाग था। मनीष सिसोदिया ने 22 मार्च 2021 को नई शराब नीति का ऐलान किया था। 17 नवंबर 2021 को नई शराब नीति 2021-22 लागू कर दी गई।
नई शराब नीति आने के बाद सरकार शराब के कारोबार से बाहर आ गई और शराब की दुकानें निजी हाथों में चली गई। इस नीति लाने के पीछे सरकार का तर्क था कि इससे माफिया राज खत्म होगा और राजस्व में इजाफा होगा।