तिहाड़ जेल प्राधिकारियों ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सूचित किया है कि उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना को लिखा गया उनका पत्र दिल्ली जेल नियमों के तहत उन्हें दिए गए “विशेषाधिकारों का दुरुपयोग” है और उसे उपराज्यपाल को नहीं भेजा गया।
केजरीवाल ने पत्र में लिखा था कि कैबिनेट मंत्री आतिशी स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा फहराएंगी। तिहाड़ जेल नंबर 2 के अधीक्षक ने दिल्ली कारागार नियम, 2018 के प्रावधानों का हवाला देते हुए केजरीवाल को एक पत्र में सलाह दी कि “ऐसी किसी भी अनुचित गतिविधि से दूर रहें” अन्यथा उनके विशेषाधिकारों में कटौती कर दी जाएगी।
केजरीवाल कथित आबकारी नीति घोटाले के सिलसिले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के एक मामले में तिहाड़ जेल में बंद हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दर्ज आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन मामले में उन्हें उच्चतम न्यायालय से अंतरिम जमानत मिल चुकी है।
केजरीवाल को लिखे पत्र में तिहाड़ जेल प्राधिकारियों ने कहा, ‘‘उपर्युक्त नियमों को पढ़ने मात्र से यह स्पष्ट है कि आपका पत्र ऐसे पत्र व्यवहार की श्रेणी में नहीं आता है जिसके जेल के बाहर भेजे जाने की अनुमति हो। केवल लोगों के एक समूह के साथ निजी पत्र-व्यवहार की ही अनुमति है। इसलिए, आपका दिनांक छह अगस्त को लिखा पत्र उसे नहीं भेजा गया है जिसे वह लिखा गया था।’’
पत्र में लिखा है कि विचाराधीन कैदी दिल्ली कारागार नियमों के कानूनी प्रावधानों से संचालित होते हैं जिसके दायरे में उनके अधिकार और विशेषाधिकार आते हैं। इसमें कहा गया है, “यह जानकर आश्चर्य हुआ कि छह अगस्त को आपके द्वारा सौंपे गए पत्र की सामग्री बिना किसी अधिकार के मीडिया को लीक कर दी गई। यह दिल्ली जेल नियम, 2018 के तहत आपको दिए गए विशेषाधिकारों का दुरुपयोग है।”
जेल अधीक्षक ने केजरीवाल को सलाह दी कि वह “ऐसी किसी भी अनुचित गतिविधि से दूर रहें’’। पत्र में कहा गया है, “... ऐसा न करने पर मुझे आपके विशेषाधिकारों में कटौती करने के लिए दिल्ली कारागार नियम, 2018 के प्रावधानों को लागू करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा।” पत्र में नियम 588 का हवाला दिया गया है, जिसमें कहा गया है कि कैदियों द्वारा लिखे गए सभी पत्रों की विषय-वस्तु निजी मामलों तक ही सीमित होगी।
नियम 620 (1) का हवाला देते हुए पत्र में इस बात पर जोर दिया गया कि कैदियों को केवल अपने परिवार के सदस्यों, रिश्तेदारों और करीबी दोस्तों को ही पत्र लिखने की अनुमति दी जा सकती है। नियम में यह भी कहा गया है कि कैदियों को उनके मामलों को देख रहे वकीलों से पत्र-व्यवहार करने की भी अनुमति दी जानी चाहिए।
पत्र में कहा गया, “नियम 620 (7) में प्रावधान है कि ‘किसी कैदी का कोई भी पत्र तब प्रेषित नहीं किया जाएगा या उसके द्वारा नहीं भेजा जाएगा जब तक कि अधीक्षक इस बात से संतुष्ट न हो जाएं कि उसका प्रेषण आपत्तिजनक नहीं है’।” दिल्ली सरकार का वार्षिक स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम छत्रसाल स्टेडियम में आयोजित किया जाता है, जहां मुख्यमंत्री उपस्थित लोगों को संबोधित करते हैं।
बाद में, तिहाड़ जेल में केजरीवाल के साथ एक बैठक के बाद, सामान्य प्रशासन विभाग का प्रभार संभाल रहे गोपाल राय ने अधिकारियों को आतिशी द्वारा ध्वजारोहण की व्यवस्था करने का निर्देश दिया, जो उपराज्यपाल कार्यालय और आप सरकार के बीच टकराव का एक नया मुद्दा बन सकता है।