नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर पुलिस के प्रमुख आर आर स्वैन के हालिया बयान की आलोचना की है कि स्थानीय संगठन “राजनीतिक लाभ” के लिए आतंकवादियों के आकाओं का साथ दे रहे हैं।
जम्मू कश्मीर के पुलिस महानिदेशक के हालिया विवादास्पद बयान के बारे में पूछे जाने पर अब्दुल्ला ने कहा कि वह राजनीति के क्षेत्र में कदम रख चुके हैं और उन्होंने राजनीतिक भाषण दिया है।
उन्होंने कहा, "बेहतर होगा कि वह राजनीति सियासी नेताओं पर छोड़ दें और स्थिति सुधारने तथा उग्रवाद से निपटने का अपना काम करें। हम सियासी नेता कानून-व्यवस्था की देखरेख नहीं कर सकते, हम उग्रवाद से नहीं लड़ सकते, ये बात और है कि हमारी पार्टी ने सबसे ज्यादा बलिदान दिए हैं।”
उन्होंने कहा, "हम उग्रवाद के खिलाफ आवाज उठा सकते हैं, हम सरकार के प्रयासों में मदद कर सकते हैं लेकिन उग्रवाद से लड़ना पुलिस प्रमुख का काम है। वह अपना काम करें, हम अपना काम करेंगे।”
स्वैन ने सोमवार को दावा किया था कि पाकिस्तान ने उग्रवाद के चरम पर पहुंचने के दौरान जम्मू-कश्मीर में समाज के विभिन्न तबकों में घुसपैठ की और क्षेत्रीय दलों ने “राजनीतिक लाभ” के लिए आतंकवादियों के आकाओं को बढ़ावा दिया।
राज्य के दर्जे के मुद्दे पर उन्होंने कहा, “हमें उम्मीद है कि चुनाव से पहले जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल हो जाएगा क्योंकि केंद्र शासित प्रदेश विफल रहा है...यह जम्मू में विफल रहा है, उग्रवाद के खिलाफ विफल रहा है, विकास के मामले में नाकाम रहा है। यह हर मामले में नाकाम रहा है।”
मुहर्रम के जुलूस में भाग लेने के लिए जदीबल आए पूर्व मुख्यमंत्री ने एक सवाल के जवाब में कहा कि केंद्र शासित प्रदेश होने का नुकसान यह है कि सत्ता जनता के पास नहीं रहती।
उन्होंने उपराज्यपाल को ज्यादा शक्तियां दिए जाने संबंधी हालिया अधिसूचना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “केंद्र शासित प्रदेश होने के ये खतरे हैं। सत्ता लोगों के हाथ में नहीं है। हालांकि, यह बहुत कम समय के लिए है क्योंकि प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने आश्वासन दिया है कि चुनाव के तुरंत बाद जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा वापस मिल जाएगा।”