कर्नाटक में हिजाब विवाद सुलझने का नाम नहीं ले रहा है। प्रशासन द्वारा कहने के बावजूद धरने-प्रदर्शन ख़त्म नहीं हो रहे हैं। इसी कारण पुलिस ने अब सख्ती शुरू कर दी है। इसी क्रम में कर्नाटक पुलिस ने 17 फरवरी को तुमकुर में गर्ल्स एम्प्रेस गवर्नमेंट पीयू कॉलेज के बाहर हिज़ाब को लेकर प्रदर्शन के दौरान सीआरपीसी की धारा 144 के तहत जारी निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने के आरोप में कम से कम 10 लड़कियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 149, 143, 145 और 188 के तहत एफआईआर दर्ज़ की गई है।
हिजाब विवाद को लेकर कोर्ट में सुनवाई अभी जारी है। कोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश में कक्षाओं में छात्र-छात्राओं के हिजाब, बुर्का और भगवा गमछे आदि पहनने पर रोक लगा दी है। हालांकि, इसके बावजूद कई छात्राएं लगातार हिजाब पहनने पर अड़ी हुई हैं। गुरुवार को हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद हिजाब नहीं उतारने पर छात्राएं को कक्षाओं में एंट्री नहीं दी गयी, जिसपर छात्राएं कॉलेज के बाहर ही धरने पर बैठ गई और नारेबाजी शुरू कर दी।
आपको बता दें कि कुछ दिनों पहले ही उडुपी में सरकारी जी शंकर मेमोरियल महिला डिग्री कॉलेज के अंतिम वर्ष के लगभग 60 छात्राओं को गुरुवार को कॉलेज अधिकारियों द्वारा हिजाब उतारने के लिए कहा गया था, हालांकि, छात्राएं हिजाब नहीं उतारी और वापस घर लौट आईं।मुस्लिम छात्राओं ने अधिकारियों के साथ बहस करते हुए कहा था कि मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया है कि डिग्री कॉलेजों में ड्रेस अनिवार्य नहीं है।
गौरतलब है कि कर्नाटक में हिजाब विवाद ने एक बड़े विवाद का रूप ले लिया है। यह मुद्दा जनवरी की शुरुआत में उडुपी के गवर्नमेंट गर्ल्स प्री-यूनिवर्सिटी (पीयू) कॉलेज में शुरू हुआ, जहां छह छात्राओं ने कक्षाओं में ड्रेस कोड का उल्लंघन करते हुए हेडस्कार्फ़ पहनकर कक्षाओं में भाग लिया। कॉलेज ने परिसर में हिजाब की अनुमति दी थी लेकिन कक्षाओं के अंदर नहीं। छात्राओं ने निर्देशों का विरोध किया, लेकिन उन्हें कक्षाओं में जाने से रोक दिया गया।