कर्नाटक के गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने शुक्रवार को कहा कि महिलाओं के यौन उत्पीड़न के आरोपों का सामना कर रहे जनता दल-सेक्युलर (जद-एस) के निलंबित नेता एवं सांसद प्रज्वल रेवन्ना को प्रक्रिया पूरी करने के बाद गिरफ्तार किया गया और आगे की कानूनी कार्यवाही जारी रहेगी।
परमेश्वर ने कहा कि हासन से सांसद प्रज्वल (33) के खिलाफ मामलों की जांच के लिए राज्य सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल को इस गिरफ्तारी से मदद मिलेगी। प्रज्वल के बृहस्पतिवार देर रात जर्मनी से यहां पहुंचने के चंद मिनट बाद ही एसआईटी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था।
परमेशवर ने कहा, ‘‘प्रज्वल रेवन्ना जर्मनी के म्यूनिख से (बृहस्पतिवार) रात 12 बजकर 40 मिनट से 12 बजकर 50 मिनट के बीच यहां पहुंचे। उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था। एसआईटी ने उन्हें गिरफ्तार कर हिरासत में ले लिया और उनके खिलाफ आगे की कानूनी कार्यवाही की जाएगी। मैंने अधिकारियों से इस बारे में अभी चर्चा नहीं की है।’’
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘अभी तक यही पता चला है कि उन्हें (प्रज्वल को) गिरफ्तार कर लिया गया है। चिकित्सकीय जांच और न्यायपालिका के समक्ष उन्हें पेश करने जैसे जो भी कदम उठाने की कानून के अनुसार आवश्यकता होगी, वह सभी कार्यवाही की जाएंगी। इनमें उनसे पूछताछ करना भी शामिल है।’’
मंत्री ने कहा, ‘‘ उनके आव्रजन कागजात को मंजूरी मिल जाने के बाद उन्हें (हवाई अड्डे से) बाहर लाया गया। उनके पास राजनयिक पासपोर्ट था इसलिए सब आसानी से हो गया। उचित प्रक्रिया पूरी करने के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।’’
यह पूछे जाने पर कि जब प्रज्वल को गिरफ्तार कर लिया गया है तो क्या सरकार अब और अधिक पीड़ितों से आगे आने की अपील करेगी, परमेश्वर ने कहा, ‘‘हमने पहले ही कहा है कि जिन लोगों को उनके कारण परेशानी हुई है, वे आगे आएं और एसआईटी एवं पुलिस से शिकायत करें। हम उन्हें हर तरह की सुरक्षा प्रदान करेंगे।’’
ऐसी खबरें हैं कि प्रज्वल ने अपने फोन से सबूत नष्ट कर दिए हैं और वह दावा कर रहे हैं कि उनका फोन खो गया है। इस बारे में सवाल किए जाने पर मंत्री ने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है और इस बारे में एसआईटी से भी कोई जानकारी नहीं मिली है।
यह पूछे जाने पर कि क्या गिरफ्तारी में देरी हुई, गृह मंत्री ने कहा कि यदि प्रज्वल देश या राज्य में होते तो उन्हें पकड़ने के लिए एक दल भेजा जा सकता था, लेकिन वह विदेश में थे इसलिए कुछ प्रक्रियाओं का पालन किया जाना था।
उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए सीबीआई के माध्यम से इंटरपोल को सूचित किया गया और उनके खिलाफ ‘ब्लू कॉर्नर नोटिस’ जारी किया गया। इन प्रक्रियाओं का पालन किया गया। उन्होंने (प्रज्वल ने) इन सभी बातों को जानने के बाद और यह सोचकर वीडियो जारी कर 31 मई को आत्मसमर्पण करने की घोषणा की कि अगर लोकसभा चुनाव के नतीजे उनके खिलाफ आए तो उनका राजनयिक पासपोर्ट वापस ले लिया जाएगा और उन्हें वापस आना पड़ेगा। अब वह आ गए हैं। इससे एसआईटी को जांच में मदद मिलेगी।’’
जनता दल (सेक्युलर) के संरक्षक एच. डी. देवेगौड़ा के पोते और हासन लोकसभा क्षेत्र से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के उम्मीदवार प्रज्वल (33) पर महिलाओं का यौन शोषण करने का आरोप है। उनके खिलाफ अभी तक यौन उत्पीड़न के तीन मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं। उन पर बलात्कार के आरोप भी लगा गए हैं।
प्रज्वल लोकसभा चुनाव के लिए अपने निर्वाचन क्षेत्र में हुए मतदान के एक दिन बाद 27 अप्रैल को जर्मनी चले गए थे। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के माध्यम से किए गए एसआईटी के अनुरोध के बाद इंटरपोल ने प्रज्वल के खिलाफ एक ‘ब्लू कॉर्नर नोटिस’ जारी किया था।
एसआईटी द्वारा अर्जी दाखिल किए जाने के बाद, निर्वाचित प्रतिनिधियों की एक विशेष अदालत ने 18 मई को प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। कांग्रेस के नेतृत्व वाली कर्नाटक सरकार ने केंद्र से उनका राजनयिक पासपोर्ट रद्द करने का आग्रह किया है।
विदेश मंत्रालय ने इससे पहले प्रज्वल रेवन्ना को कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा था कि उनके खिलाफ यौन शोषण के आरोपों के मद्देनजर कर्नाटक सरकार द्वारा की गई मांग के अनुसार उनका राजनयिक पासपोर्ट क्यों न रद्द कर दिया जाए।