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खट्टर- भटक गया है किसान आंदोलन, साथी दुष्यंत बोले- अविश्वास प्रस्ताव से सरकार को कोई खतरा नहीं

केंद्र के कृषि कानूनों को लेकर हरियाणा के किसानों का विरोध अभी थमा नहीं है कि निजी क्षेत्र में स्थानीय...
खट्टर- भटक गया है किसान आंदोलन, साथी दुष्यंत बोले- अविश्वास प्रस्ताव से सरकार को कोई खतरा नहीं

केंद्र के कृषि कानूनों को लेकर हरियाणा के किसानों का विरोध अभी थमा नहीं है कि निजी क्षेत्र में स्थानीय लोगांे के लिए 75 फीसदी आरक्षण पर काॅरपाेरेट भी हरियाणा की भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार को घेर रहा है। सीआईआई,फिक्की,एकमा जैसे औद्योगिक संगठनों के अलावा केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी सवाल उठाया है। विपक्षी दल कांग्रेस आरक्षण को असंवैधानिक बता रहा है। किसान,कारपोरेट और विपक्ष के निशाने पर आई भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार के खिलाफ जहां कांग्रेस 10 मार्च को विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव ला रही है वहीं मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर बतौर वित्त मंत्री 12 मार्च को राज्य का 2021-22 का बजट लाने की तैयारी में जुटे हैं। उपमुख्यमंत्री दुष्यंंत चौटाला कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव को विफल करने की रणनीति बना रहे हैं।

 

     कोरोना,किसान,कॉरपोरेट और कांग्रेस की चुनौतियों से कैसे निपटेगी सरकार इस पर आउटलुक ने हरियाणा के  मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला से विस्तृत बातचीत में बताया कि 40 लोगाें की अगुवाई मंे भटका किसान आंदोलन अपने मुद्दों से भी भटक गया है। मुख्यमंत्री ने कहा, “ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य(एमएसपी)की गारंटी की मांग से शुरु हुए किसान आंदोलन में ऐसी मांगे आ गई हैं जिनका किसानों से कोई सरोकार नहीं हैं। आंदोलन के नाम पर भ्रमित किसान अब कथित किसान नेताओं के कहने पर अपनी खड़ी फसलें उजाड़ रहे हैं। दूध 100 रुपए लीटर बेचेंगे और कब्जाए गए टोल प्लाजा शुल्क मुक्त रहेंगे,जैसे कृत्यों से किसान आंदोलन मुद्दों से भटक गया है।

 

 किसान आंदोलन के बीच 10 मार्च को कांग्रेस द्वारा हरियाणा विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव से गठबंधन सरकार को गिराए जाने की तमाम अटकलों को विराम लगाते हुए उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने आउटलुक से कहा कि, “ सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले विपक्षी कांग्रेस के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा पहले अपनी पार्टी कांग्रेस में तो अपना विश्वास बहाल कर लें। कांग्रेस अालाकमान के खिलाफ अविश्वास का झंडा उठाने वाले हुड्डा किस मुंह से गठबंधन सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ला रहे हैं जब उनकी पार्टी ही भीतरी अविश्वास के दौर से गुजर रही है”। चौटाला ने कहा कि भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी और उनकी पार्टी का एक भी विधायक इस गठबंधन के विरोध मंे नहीं हैं।

 

   कोरोना काल में करीब 16,000 करोड़ रुपए के राजस्व नुकसान से उबरते हुए 2021-22 के बजट को स्वास्थ्य एंव कृषि क्षेत्र पर केंद्रित करने की बात करते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि खर्चाें मंे कटौती करके अभी तक सरकार ने 6500 करोड़ रुपए की बचत की है। कोरोना काल में मंद पड़े विकास कार्याें को शहरों व गांवों में गति देने के लिए स्थानीय निकायों के अपने राजस्व बढ़ाने पर जोर है इसके साथ ही ग्रामीण इलाकों में बढ़ाई गई 2 फीसदी स्टांप डयूटी का लाभ ग्राम पंचायतांे को विकास कार्याें में मिलेगा। राज्य पर बढ़ते कर्ज के बाेझ को जीएसडीपी से संतुलित बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा हमारी सरकार की प्रवृति पूर्व सरकारों की भांति ‘कर्ज लेकर घी पियो’ की नहीं हैं। कोरोना संकट के चलते पहली दो तिमाही में घटे राजस्व की संग्रह की वजह से हमें इस साल 5,000 करोड़ रुपए कर्ज उठाना पड़ा पर अब राज्य की अर्थव्यवस्था पटरी पर लौट आई है।  

 

    एक ओर हरियाणा इंट्रपाइजेज़ एंड इम्पलायमेंट पॉलिसी(एचईईपी)के जरिए राज्य में सरकार का लक्ष्य एक लाख करोड़ रुपए से अधिक के निवेश और 5 लाख लोगांे के लिए नौकरियां सर्जित करने का है वहीं दूसरी और निजी क्षेत्र की नौकरियों में स्थानीय लोगों को 75 फीसदी आरक्षण को असैंवेधानिक बता विपक्ष और काॅरपोरेट सरकार को घेर रहा है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी इस आरक्षण पर सवाल उठाया है। यह आरक्षण जननायक जनता पार्टी के चुनावी घोषणा पत्र की मुख्य घोषणा रही है जिसे 2 मार्च काे हरियाणा के राज्यपाल ने मंजूरी दी हैं। आरक्षण पर उठे बवाल पर सवाल जवाब में उपमुख्यमंत्री एंव उद्योग मंत्री दुष्यंत चौटाला ने आउटलुक से कहा, “ आरक्षण असैंवेधानिक नहीं हैं, आंध्रप्रदेश ने भी इसे हाल ही में लागू किया है। इससे पहले 7 राज्यांे में लागू है। 50,000 से कम वेतन वाली नौकरियों पर लागू होता है। किसी पर दबाव नहीं हैं,यदि किसी नियोक्ता को कुशल कामगर नहीं मिलता है तो वह संबंधित उपायुक्त को आवेदन के जरिए आरक्षण की शर्त में छूट का हकदार है पर इसे लागू करने के लिए पोर्टल पर नियोक्ता और कामगर के पंजीकरण से लेकर क्रियान्वयन तक इसकी नियमित समीक्षा की जाएगी।

 

 

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