बारामती लोकसभा सीट को लेकर पवार परिवार में खींचतान के बीच, शरद पवार की अगुवाई वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने उनका एक पुराना साक्षात्कार साझा किया है, जिसमें वह लड़कियों को समान अवसर देने की बात करते नजर आ हैं। बारामती लोकसभा सीट पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) की नेता सुप्रिया सुले का मुकाबला उनके चचेरे भाई अजीत पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार से है।
बारामती से अजित पवार विधायक हैं। यह पवार परिवार का गृह क्षेत्र है। शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले अब तक तीन बार बारामती लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं और चौथी बार चुनाव लड़ रही हैं। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) द्वारा जारी वीडियो को प्रतिद्वन्द्वी खेमे के प्रमुख और उप मुख्यमंत्री अजित पवार की आगामी लोकसभा चुनाव में बारामती सीट पर ‘पवार’ नाम के लिए वोट देने की अपील का जवाब माना जा रहा है।
इस सप्ताह की शुरुआत में बारामती में पार्टी कार्यकर्ताओं के एक कार्यक्रम में अजीत पवार ने लोकसभा चुनाव में अपनी पत्नी के लिए समर्थन मांगा और मतदाताओं को एक संदेश भेजा, जिसमें उन्होंने कहा कि उन्होंने उनके चाचा शरद पवार की बेटी को तीन बार चुना है, लेकिन अब उन्हें अपनी बहू को जिताना चाहिए। उन्होंने कहा "...आप इतने लंबे समय से पवार परिवार के साथ हैं, लेकिन अब (लोकसभा चुनाव में) क्या करना है इसके बारे में कुछ सोचा होगा क्योंकि एक ही परिवार से दो उम्मीदवार हैं। आप सोच रहे होंगे कि किसका समर्थन करें। यह सरल है, क्योंकि आप इतने लंबे समय से पवार के साथ हैं, तो जाएं और (दूसरे) पवार (सुनेत्रा पवार का जिक्र करते हुए) को वोट दें।''
पिछले महीने महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रूपाली चाकणकर ने कहा था कि अगर विवाहित महिलाएं अपने मायके में हस्तक्षेप करती हैं, तो इससे विवाद होता है। इन घटनाक्रमों के मद्देनजर राकांपा (शरदचंद्र पवार) ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर शरद पवार का एक पुराना वीडियो पोस्ट किया, जिसमें वह प्रसिद्ध फिल्म निर्माता जब्बार पटेल द्वारा पूछे गए एक सवाल का जवाब दे रहे थे कि वह बेटा न होने के सवालों से कैसे निपटते हैं।
राकांपा (शरदचंद्र पवार) ने पोस्ट में कहा "केवल शरद पवार जैसे दूरदर्शी नेता ही एक बेटी के बारे में बात कर सकते हैं, जो परिवार की उत्तराधिकारी होने के अलावा वैचारिक विरासत को भी आगे बढ़ा सकती है। प्रतिगामी लोग केवल परिवार के उत्तराधिकारी, उनके उपनाम, मायके और ससुराल के बारे में ही बात कर सकते हैं। ऐसे लोग प्रगतिशील महाराष्ट्र को नहीं समझ सकते।"