लोकसभा सचिवालय ने सदन में प्रश्नकाल के दौरान सांसदों के प्रश्नों को लेकर सरकार की तरफ से दिए गए उत्तरों की गोपनीयता बनाए रखने पर जोर दिया है और उनसे कहा है कि वे अपने पोर्टल का उपयोग केवल खुद के लिए करें।
तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ ‘रिश्वत लेकर प्रश्न पूछने’ के आरोप को लेकर हुए विवाद के बाद लोकसभा सचिवालय ने सदस्यों से यह कहा है।
लोकसभा सचिवालय ने 10 नवंबर के अपने बुलेटिन में कहा, ‘‘इसका संज्ञान लिया जा सकता है कि उत्तर सदस्यों के पोर्टल पर लॉग-इन और पासवर्ड के जरिये सुरक्षित हैं, इसलिए वे विशेष रूप से केवल सदस्यों के उपयोग के लिए हैं।’’
लोकसभा सचिवालय ने सांसदों को सूचित किया कि किसी प्रश्न के दिए गए उत्तर की सामग्री तब तक ‘‘पूरी तरह से गोपनीय’’ होती है जब तक कि सदन में मौखिक उत्तर के लिए प्रश्न पूछा और उत्तर नहीं दिया जाता है। उसका कहना है कि यदि कोई प्रश्न मौखिक उत्तर के लिए नहीं आ सकता है, तो प्रश्नकाल के समापन तक प्रश्न का उत्तर जारी नहीं किया जाना चाहिए।
इसमें कहा गया है, ‘‘लिखित उत्तरों की सूची में शामिल प्रश्नों को भी तब तक गोपनीय माना जाएगा जब तक कि उन्हें प्रश्नकाल समाप्त होने के बाद सदन के पटल पर रख नहीं दिया जाता है।’’ सूत्रों ने कहा कि लोकसभा ने मोइत्रा से जुड़े प्रकरण के मद्देनजर गोपनीयता के बारे में मौजूदा नियमों को दोहराया है।
मोइत्रा पर रिश्वत लेकर प्रश्न पूछने का आरोप लगाने वाले भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा सचिवालय के बुलेटिन को लेकर सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘यह है लोकसभा का आदेश, जो साफ़ कहता है कि गोपनीयता का मतलब सूचना केवल और केवल सांसद तक सीमित रहे, क्योंकि सांसद जब प्रश्न पूछते हैं तो बैठक शुरू होने के एक घंटा पहले उत्तर सांसद को मिलता है।’’
उनका कहना था कि उत्तर के बारे में समय से पहले जानकारी मिल जाने पर शेयर बाजार प्रभावित हो सकता है और राष्ट्रीय सुरक्षा से खिलवाड़ हो सकता है।