दिल्ली की सात लोकसभा सीटों पर भाजपा को कड़ी टक्कर देने के लिए कांग्रेस और आप के बीच गठबंधन की संभावनाएं क्षीण हो गई हैं। सोमवार को आप के उम्मीदवारों का नामांकन होने के साथ ही संभावनाएं पूरी तरह खत्म हो जाएंगी। आम आदमी पार्टी ने कहा है कि कांग्रेस के साथ सिर्फ दिल्ली में चुनावी गठबंधन संभव नहीं है क्योंकि कांग्रेस ने किसी अन्य राज्य में उसके साथ गठबंधन करने से इनकार कर दिया है।
कांग्रेस को सीटें देने से भाजपा को फायदा
सीटों के बंटवारे के लिए कांग्रेस के प्रस्ताव पर राय मांगने पर दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि कांग्रेस को तीन सीटें देने का आशय होगा, भाजपा को ये सीटें सौंपना। इस फॉर्मूले के तहत कांग्रेस आप को दिल्ली की सात में से चार लोकसभा सीटें देने को तैयार थी।
समझौते के लिए तैयार थी आप और जेजेपी
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने हरियाणा के लिए पहले प्रस्ताव किया था कि छह सीटों पर वह खुद लड़ेगी, तीन सीटें जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) और एक सीट आप को दी जाएगी। मोदी-शाह को रोकने के लिए हमने गठबंधन करने का फैसल किया था। दिल्ली में कांग्रेस की राजनीतिक मौजूदगी शून्य है। फिर भी वह यहां आधी सीटें चाहती है। इसी फॉर्मूले पर कांग्रेस को पंजाब और हरियाणा में भी समझौता करना चाहिए। पंजाब में हमारे 20 विधायक और चार सांसद हैं। तो भी वह हमारे साथ पंजाब में समझौता क्यों नहीं कर सकती है।
कांग्रेस बार-बार पीछे हटी फॉर्मूले से
आप के वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने कहा कि सीटों के बंटवारे के लिए हम कांग्रेस के प्रस्ताव पर सहमत थे फिर भी वह पीछे हट गई। कांग्रेस के साथ बातचीत करने वाले सिंह ने कहा कि हरियाणा में अपने सहयोगी दल जेजेपी के साथ विचार करने के बाद हम कांग्रेस के प्रस्ताव पर सहमत थे। लेकिन बाद में कांग्रेस ने इसे खारिज कर दिया। वह सात अपने पास रखकर जेजेपी को सिर्फ दो सीटें देने को तैयार थी। जेजेपी प्रमुख दुष्यंत चौटाला इस पर भी राजी हो गए लेकिन शुक्रवार को कांग्रेस इस प्रस्ताव से भी पीछे हट गई। उसने कहा कि दिल्ली के बाहर वह कोई गठबंधन करने को तैयार नहीं है। पहले जेजेपी ने जो फार्मूला पेश किया था उसके तहत कांग्रेस और जेजेपी चार-चार और आप दो सीटों पर अपने प्रत्याशी खड़े कर सकते थे। इस प्रस्ताव को कांग्रेस ने तत्काल खारिज कर दिया था।
समझौते के लिए आखिरी प्रयास
हालांकि सूत्रों का कहना है कि हरियाणा में गठबंधन की संभावनाएं पूरी तरह खत्म हो चुकी हैं। फिरभी आप दिल्ली में समझौता कर सकती है। इसके तहत वह कांग्रेस को दो सीटें दे सकती है। आप के वरिष्ठ नेता गोपाल राय ने शुक्रवार को कहा था कि गठबंधन करने के लिए आखिरी प्रयास के तहत आप ने अपने उम्मीदवारों को पर्चे भरने से टाल दिया था। शनिवार को आप के पूर्वी दिल्ली की उम्मीदवार आतिशी, चांदनी चौक के पंकज गुप्ता और उत्तर-पश्चिम दिल्ली के उम्मीदवार गगन सिंह को पर्चे दाखिल करने थे।
सोमवार को पर्चे भरेंगे आप प्रत्याशी
राय ने कहा कि गठबंधन के अंतिम प्रयास के लिए और कांग्रेस को इस मसले पर वार्ता के लिए अवसर देने के लिए नामांकन सोमवार तक टाल दिया। सोमवार को आप के ये उम्मीदवार पर्चा दाखिल कर देंगे। दक्षिण दिल्ली से राघव चड्ढा, उत्तर-पूर्व से दिलीप पांडे और नई दिल्ली से बृजेश गोयल भी नामांकन दाखिल करेंगे। हालांकि पश्चिम दिल्ली से आप के उम्मीदवार बलबीर सिंह जाखड़ ने गुरुवार को पर्चा भर दिया था।