विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद पहली बार मीडिया से मुखातिब हुए अखिलेश ने कहा पूरे चुनाव में मुझे नहीं लगा कि ऐसा होगा। मेरी सभाओं में भारी भीड़ उमड़ती थी। पता नहीं क्या हुआ। हम देखना चाहते हैं कि अब समाजवादियों से भी अच्छा काम क्या होगा।
उन्होंने टीस भरे अंदाज में कहा मैं समझता हूं कि लोकतंत्र में समझाने से नहीं बहकाने पर वोट मिलता है। गरीब को अक्सर पता ही नहीं होता कि वह क्या चाहता है। किसान को पता ही नहीं होता कि उसे क्या मिलने जा रहा है। मैं समझाता हूं कि जनता कुछ और सुनना चाहती रही होगी। मैं उम्मीद करता हूं कि अगली सरकार समाजवादी सरकार से ज्यादा अच्छा काम करेगी।
सपा अध्यक्ष ने कहा कि जनता को अगर एक्सप्रेस-वे नहीं पसंद आया तो शायद उसने यूपी में बुलेट ट्रेन के लिये वोट दिया हो। उसे लगता होगा कि जो सरकार बनेगी वह एक हजार रुपये प्रतिमाह से ज्यादा पेंशन देगी। हमने किसानों का 1600 करोड़ रुपये कर्ज माफ किया था। अब लगता होगा कि भाजपा की पहली कैबिनेट बैठक में यूपी के किसानों का कर्ज माफ हो जाएगा, इससे ज्यादा खुशी की बात और क्या होगी।
अखिलेश ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं को धन्यवाद देते हुए हार की जिम्मेदारी लेने के सवाल पर कहा मुख्यमंत्री मैं था, राष्ट्रीय अध्यक्ष मैं हूं। हार की समीक्षा करने के बाद जिम्मेदारी लूंगा। अभी से मैं कैसे जिम्मेदारी ले लूं। हमारी साइकिल पंक्चर नहीं हुई, क्योंकि वह ट्यूबलेस थी। राजनीति में पता नहीं कब क्या हो जाए।
सपा अध्यक्ष ने बसपा मुखिया मायावती द्वारा इलेक्टानिक वोटिंग मशीनों :ईवीएम: में गड़बड़ी की आशंका जताये जाने पर कहा अगर ईवीएम पर सवाल उठा है तो सरकार को सोचना चाहिये। मैं भी बूथ की समीक्षा करूंगा। मगर अगर सवाल उठे हैं तो सरकार को जांच करा लेनी चाहिये।
कांग्रेस के साथ गठबंधन के भविष्य के बारे में पूछे जाने पर अखिलेश ने कहा मुझे कांग्रेस के साथ से खुशी थी। कांग्रेस के गठबंधन से हमें लाभ हुआ है। यह गठबंधन आगे भी रहेगा।
इस चुनाव में सपा और समाजवाद की हार होने के बजाय अखिलेश के घमंड की हार होने के अपने चाचा शिवपाल यादव के बयान सम्बन्धी सवाल पर उन्होंने कहा आप तो हमारे स्वभाव को जानते ही हैं। लगता है कि वह हमारी परछायी के घमंड के बारे में बात कर रहे होंगे। भाषा