त्रिपुरा की 60 विधानसभा सीटों के लिए हुए चुनाव की मतणना में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) गठबंधन विपक्षी वाम-कांग्रेस गठबंधन से आगे चल रहा है। टीवी चैनलों पर दिखाए जा रहे रुझानों में ऐसा दावा किया गया है।
भाजपा-आईपीएफटी गठबंधन को 25-36 सीटों पर बढ़त हासिल हो गई है, जबकि वाम-कांग्रेस गठबंधन 11-23 सीट पर आगे चल रहा है। पूर्व शाही वंशज प्रद्योत माणिक्य देबबर्मा द्वारा बनाई गई नयी पार्टी टिपरा मोथा 8-12 सीट पर आगे है।
निर्वाचन आयोग ने अभी तक परिणाम को लेकर कोई आधिकारिक बुलेटिन जारी नहीं किया है। मुख्य रूप से डाक मतपत्रों की गिनती से प्राप्त शुरुआती रुझान सभी सीट पर कई दौर की गणना के बाद बदल सकते हैं।
त्रिपुरा की 60 विधानसभा सीटों पर 16 फरवरी को हुए चुनाव के लिए बृहस्पतिवार सुबह आठ बजे कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मतगणना शुरू हुई। इस बार चुनाव में कुल 23.13 लाख मतदाताओं में से 89.90 प्रतिशत लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था।
रोड ईस्ट उपचुनाव में कांग्रेस के आगे चलने पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि कांग्रेस की जीत निश्चित है क्योंकि सभी को उम्मीद थी। हमारी पार्टी के लोग जीतने के लिए बहुत आश्वस्त हैं और हम एक बड़े अंतर से जीतने जा रहे हैं। यहां लोग डीएमके-कांग्रेस गठबंधन के समर्थक हैं।
चेन्नई में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि त्रिपुरा चुनाव के नतीजे देखते हैं क्योंकि वहां हमने खुद बहुत कम सीट पर चुनाव लड़ा और सोचा कि गठबंधन से हमें बहुमत मिल सकता है। जब फाइनल नतीजे आएंगे तो देखेंगे कि कहां हमें बहुमत मिलती है और कहां हमारी सरकार नहीं बनती।