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बंगाल चुनाव: मोदी को याद आ रही है तारीखें, ममता के खिलाफ नई रणनीति कितना करेगी काम

पश्चिम बंगाल में पांचवें चरण की वोटिंग चल रही है तो छठे चरण का चुनाव प्रचार भी जोरों पर है। इस बीच...
बंगाल चुनाव: मोदी को याद आ रही है तारीखें,  ममता के खिलाफ नई रणनीति कितना करेगी काम

पश्चिम बंगाल में पांचवें चरण की वोटिंग चल रही है तो छठे चरण का चुनाव प्रचार भी जोरों पर है। इस बीच शनिवार को दक्षिण दिनाजपुर ज़िले के गंगारामपुर की रैली में मोदी ने कहा कि दीदी की गालियों से मुझे कोई परेशानी नहीं है। मुझे जितना कोसना है दीदी कोसिए, कम से कम बंगाल की संस्कृति को तो मत भूलिए।

उन्होंने कहा, ''जब उनकी सरकार की दुर्नीति के विरुद्ध मैं सवाल उठाता हूं तो दीदी मुझे गाली देती हैं। कहती हैं, मोदी से कान पकड़वाकर उठक-बैठक करवाएंगी। अरे दीदी, ओ दीदी, आपने बंगाल की गरीब जनता को लूटने वाले तोलाबाज़ों के कान मरोड़े होते, अपने सबसे प्रिय भाइपो से उठक-बैठक कराई होती तो, आज ये दिन ना देखने पड़ते।''

पीएम ने कहा कि 19 मार्च को दीदी ने कहा, 'वो मोदी का चेहरा नहीं देखना चाहती। फिर दीदी ने देश के प्रधानमंत्री की तुलना, लुटेरे, दंगाई, दुर्योधन, दुशासन से कर दी। 20 मार्च को दीदी ने मुझे श्रमिकों का हत्यारा बताया, दंगा करने वाला तक बताया।' उन्होंने कहा कि 26 मार्च को दीदी बोलीं, 'देश में सिर्फ मोदी की दाढ़ी बढ़ती जा रही है। मोदी के दिमाग के साथ कुछ दिक्कत है, ऐसा लगता है मोदी का कोई स्क्रू ढीला है। 4 अप्रैल को दीदी इस बात पर भड़क गईं कि बंगाल में बीजेपी की सरकार बनेगी। उन्होंने कहा कि क्या मैं भगवान हूं और सुपरह्यूमन हूं।'

पीएम मोदी ने कहा कि 12 अप्रैल को दीदी ने कहा, 'जहां मैं जाता हूं, वहां दंगे होने लगते हैं। 13 अप्रैल को दीदी ने फिर से मुझे सबसे बड़ा झूठा कहा, मंदबुद्धि कहा। ये लिस्ट बहुत लंबी है, मैंने कुछ ही गालियां आपके सामने प्रस्तुत की हैं।'

पीएम ने कहा कि आप मुझे बताइए, मुझे चुप रहना चाहिए क्या? जनता की आवाज उठानी चाहिए कि नहीं? बहनों की आवाज उठानी चाहिए कि नहीं? नौजवानों की आवाज उठानी चाहिए कि नहीं? लेकिन जब मैं बोलता हूं तो आप ही देखिए कि मुझे क्या-क्या सुनना पड़ता है। बंगाल में दीदी के करीबी ने एससी वर्ग के लिए भिखारी का उपयोग किया है। ये बाबा साहेब आंबेडकर, श्री श्री हॉरिचन्द ठाकुर, जोगिंद्रनाथ मंडल, जैसी पुण्य आत्माओं के जीवन संघर्ष का बहुत बड़ा अपमान है।

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