बिहार चुनाव परिणाम आने के बाद राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की तरफ से पहली प्रतिक्रिया आई है। महागठबंधन के चेहरे तेजस्वी यादव ने मतगणना के दौरान चुनाव आयोग की भूमिका को लेकर सवाल उठाए हैं। गुरुवार को तेजस्वी ने कहा, "मैं नतमस्तक होकर बिहार की जनता को धन्यवाद देना चाहता हूँ। जनता ने अपना फैसला सुनाया और चुनाव आयोग ने अपना नतीजा सुनाया, जनता का फैसला महागठबंधन के पक्ष में है लेकिन चुनाव आयोग का नतीजा एनडीए के पक्ष में है।"
10 नवंबर को हुए बिहार विधानसभा चुनाव की मतगणना के दौरान शुरूआती रूझान में महागठबंधन काफी तेजी से आगे बढ़ती हुई दिखाई दे रही थी और ऐसा लग रहा था कि विभिन्न न्यूज चैनलों द्वारा जारी किए एक एग्जिट पोल्स के मुताबिक राज्य में महागठबंधन की अगुवाई में राजद नेता तेजस्वी यादव की सरकार बनने जा रही है और एनडीए बहुमत को नहीं छू पाएगी। लेकिन, चढ़ते दिन के साथ पासा पलट गया और एक बार फिर से एनडीए की अगुवाई में नीतीश कुमार की सरकार बनती दिखाई देने लगी। तब राजद और महागठबंधन के कई नेताओं और प्रो. मनोज झा ने चुनाव आयोग और राज्य प्रशासन के अधिकारियों पर गंभीर सवाल खड़े किए थे। हालांकि, अपने प्रेस कॉन्फ्रेंस ने चुनाव आयोग ने इन आरोपों का खंडन किया था। राजद नेताओं और मनोज झा ने चुनाव आयोग से इसकी शिकायत भी की थी।
इस चुनाव में महागठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने सबसे अधिक 75 सीटें हासिल की हैं। हालांकि पिछले चुनाव के मुकाबले उसे पांच सीटों का घाटा हुआ है। वहीं कांग्रेस ने पिछले चुनाव में 27 सीटें जीती थीं, मगर इस बार उसे 19 सीट ही मिल पाई हैं।
वहीं, बीजेपी को 74 सीटें मिली है। जबकि जेडीयू तीसरे नंबर पर 43 सीट के साथ है। एनडीए के खाते में कुल 125 सीट आई है जबकि महागठबंधन को 110 सीटें मिली है।
वामदलों को गठबंधन का सबसे ज्यादा फायदा हुआ है। इस बार विधानसभा चुनाव में वामदलों को कुल 16 सीटें मिली हैं। सीपीआई को 2 सीट, सीपीएम को 2 सीट और कम्युनिस्ट पार्टी (माले-लिबरेशन) को 12 सीटें मिली हैं।