हरियाणा के विधानसभा चुनाव में 46 सीटों के जादुई अंक से पीछे रह गई भाजपा सरकार बनाने के लिए इतनी बेताब है कि उसे जालसाजी और आत्महत्या के लिए उकसाने सहित अनेक अपराधों के आरोपी नव निर्वाचित विधायक गोपाल कांडा से भी समर्थन लेने में कोई दिक्कत नहीं है। कांडा ने सिरसा सीट से 602 वोटों से जीत हासिल की है।
सिरसा से जीते कांडा अब शुचितावादी भाजपा के साथ
बुधवार को घोषित नतीजों के अनुसार भाजपा सबसे बड़े दल के रूप में उभरने के बावजूद 90 सीटों की विधानसभा में बहुमत के लिए आवश्यक 46 सीटें पाने में नाकाम रही। नतीजे आने पर पंगु विधानसभा देखते ही सिरसा से जीते हरियाणा जनहित पार्टी के विधायक गोपाल कांडा ने भाजपा को समर्थन देने की घोषणा कर दी। इसके अलावा निर्दलीय विधायक रंजीत सिंह चौटाली ने भी भाजपा को समर्थन देने की घोषणा की है। बहुमत पाने के लिए भाजपा को अभी चार और विधायकों के समर्थन की आवश्यकता है। मजे की बात यह है कि राजनीति में शुचिता और नैतिकता की दुहाई देने वाली भाजपा ने तमाम तरह के आरोपों में घिरे कांडा से समर्थन लेने में एक पल की भी देरी नहीं की।
केंद्रीय नेताओं को भी कोई आपत्ति नहीं
बुधवार को नतीजे सामने आते ही दोनों विधायकों को भाजपा के केंद्रीय नेताओं अमित शाह और जे. पी. नड्डा से मुलाकात कराने के लिए देर रात दिल्ली लाया गया। कहा जा रहा है कि कांडा न सिर्फ खुद समर्थन दे रहे हैं, बल्कि दूसरे निर्दलीय विधायकों को भाजपा के साथ आने के लिए लुभाने की भरसक कोशिश रहा है। भाजपा भी जीते विधायकों की पृष्ठभूमि पर विचार किए बगैर खुशी-खुशी समर्थन ले रही है।
रियल्टी से एयरलाइन तक सफलता की सीढ़ियां
कभी सिरसा में जूते की दुकान चलाने से लेकर कई तरह छोटे-मोटे कारोबार भी चला पाने में नाकाम रहा कांडा का भाग्य तब चमका जब वह 1997 के बाद सिरसा से निकलकर गुरुग्राम आ गया। वहां रियल एस्टेट में उसे बड़ी सफलता मिली और वह ब्रोकर से जल्दी ही डेवलपर बन गया। गुरुग्राम में होटल और गोवा में कैसिनो और कार डीलरशिप के अलावा डिजाइनर वस्त्रों के उत्पादन और निर्यात के कारोबार में उसे अच्छी सफलता मिली। रियल्टी में मोटी कमाई करने के बाद 2006-2007 के करीब उसने एमडीएलआर एयरलाइंस शुरू की। लेकिन घाटे के कारण यह एयरलाइन 2009 में निलंबित हो गई। कर चोरी को लेकर एयरलाइन पर छापे भी पड़े और कई कर्मचारियों पर केस चला। अंततः एमडीएलआर अक्टूर 2010 में एमिरेट्स एयरलाइंस की हिस्सा बन गई।
आरोप लगने पर गया मंत्री पद
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला से नजदीकी के चलते कांडा ने 2006 में राजनीति में कदम रखने का प्रयास किया। धार्मिक गुरु तारा बाबा से जुड़कर भी क्षेत्र में अपनी लोकप्रियता बढ़ाने का प्रयास किया। 2009 में चौटाला की पार्टी इंडियन नेशनल लोकदल और कांग्रेस से टिकट न मिलने पर कांडा ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर सिरसा से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। उस समय पूर्ण बहुमत पाने में नाकाम रहे भूपिंदर सिंह हुड्डा की कांग्रेस सरकार को समर्थन दिया और गृह राज्य मंत्री बना गया।
आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप
लेकिन अगस्त 2012 में एमडीएलआर की एयर होस्टेस गीतिका शर्मा ने आत्महत्या कर ली। उसने कांडा पर परेशान करने और एक अन्य महिला अंकिता से अवैध संबंध रखने का आरोप लगाया। तो उसे मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने कांडा को हिरासत में ले लिया और उस पर आत्महत्या के लिए उकसाने, आपराधिक साजिश करने और फर्जी एसएमएस भेजने के आरोप लगाए। लेकिन दिल्ली हाई कोर्ट से यौन उत्पीड़न के मामले में आरोप खारिज होने के बाद मार्च 2014 में उसे जमानत मिल गई। लेकिन पुलिस और गीतिका शर्मा के परिवार ने मेडिकल रिकॉर्ड में हेराफेरी करने के आरोप लगाए।
कांडा के खिलाफ आरोपों की लंबी फेहरिस्त
गोपाल कांडा ने मई 2014 में हरियाणा लोकहित पार्टी बनाकर राजतीक में दोबारा कदम रखा और सिरसा से चुनाव लगा। लेकिन उसे सफलता नहीं मिल पाई। गीतिका शर्मा का केस अनसुलझा था कि अक्टूबर 2016 में कांडा और उसके भाई गोविंद पर सिरसा में अवैध रूप से प्रॉपर्टी डेवलप करने के आरोप लगे और पुलिस ने केस दर्ज किया। यहीं नहीं, 2000 में चेक बाउंसिंग और 2007 में क्रिमिनल अंडरवर्ल्ड के लोगों से संबंध होने के भी आरोप लगे। अगस्त 2012 में उसके खिलाफ जमशेदपुर की अदालत ने उसके खिलाफ धोखाधड़ी का भी केस चलाया।
कभी भाजपा कांडा के विरोध में थी
दिलचस्प है कि अनगिनत गंभीर आरोप लगने पर कभी भाजपा कांडा का जोरदार विरोध करती थी। भाजपा ने कांडा के खिलाफ प्रदर्शन भी किया था। उस समय उसने दूसरे राजनीतिक दलों को भी घेरा था। लेकिन आज उसने उन सभी आरोपों को एक पल में भुला दिया।