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बिहार: आपराधिक पृष्ठभूमि वाले प्रत्‍याशी उतारने में भाजपा अव्वल

एडीआर की रिपोर्ट से उजागर हुआ भाजपा सहित बाकी तमाम दलों के उम्मीदवारों का हलफनामे में दिया ब्यौरा, किसी भी दल ने नहीं तरजीह दी महिलाओं को
बिहार: आपराधिक पृष्ठभूमि वाले प्रत्‍याशी उतारने में भाजपा अव्वल

बिहार चुनाव में किस्मत आजमाने उतरे 3450 उम्मीदवारों में से 30 फीसदी के ऊपर आपराधिक मामले दर्ज है। जिनमें से 23 फीसदी बहुत गंभीर किस्म के हैं। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्मस द्वारा जारी किए गए ताजा आंकड़ों में सबसे भारतीय जनता पार्टी दोनों मामलों में अव्वल उतरी है, सबसे ज्यादा आपराधिक उम्मीदवार खड़े करने में और सबसे ज्यादा करोड़पतियों को खड़ा करने में।

बिहार चुनाव में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले महागठबंधन से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चुनाव लड़ रहे एनडीए ने चाहे जितना भी महिला मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए नीतियों से लेकर साड़ी बांटी हो, लेकिन बहुत कम महिला उम्मीदवारों पर भरोसा किया। कुल 3450 उम्मीदवारों में से महज 8 फीसद महिला उम्मीदवार मैदान में रही, इनकी संख्या थी 273। पिछले पांच सालों में बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने वाली पार्टियों की संख्या में जबर्दस्त उछाल आया है। वर्ष 2010 में जहां 91 राजनीतिक पार्टियां चुनावी समर में थीं, इस बार इनकी संख्या बढ़ कर 158 हो गई। इसी के आधार पर राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इस बार वोट काटने की रणनीति के तहत छोटी-छोटी पार्टियों को खड़ा किया गया है। महागठबंधन खेमे का आरोप है कि ऐसा भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के इशारे पर किया गया है, क्योंकि जीत के लिए एक से दो हजार वोटों का इधर से उधर होना भी गहरे मायने रखता है।

पार्टी के हिसाब से भाजपा के सबसे अधिक उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले है। भाजपा के 61 फीसदी उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले हैं, जिनमें से 39 फीसदी पर तो बेहद गंभीर मामले दर्ज है। इसके बाद नंबर है जनतादल (यू)का जिसके 57 फीसदी उम्मीदवारों और राष्ट्रीय जनता दल 60 फीसदी उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले हैं। इस बार मैदान में 1150 निर्दलीय उम्मीदवारों में से 259 ने अपने हलफनामे में आपराधिक मामलों की बात कही है।

बिहार में तेजी से बढ़ रही सांप्रदायिक किस्म की बयानबाजी की वजह चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों के आपराधिक रिकॉर्ड से भी उजागर होती है। करीब 23 फीसदी, यानी 796 उम्मीदावारों पर हत्या, हत्या का प्रयास, सांप्रदायिक वैमनस्य फैलाने, महिलाओं पर अपराध आदि के मामले दर्ज हैं।

इसी तरह से सबसे अधिक करोड़पति भी भाजपा में है। इन चुनावों में सबसे अधिक करोड़पति भाजपा के खाते में है। भाजपा के 157 उम्मीदवारों की औसत संपत्ति  2.74 करोड़ रुपये हैं।

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