केरल में कांग्रेस नीत यूडीएफ और माकपा नीत एलडीएफ आमने सामने हैं जबकि भाजपा भी इस चुनाव में अपना जोर लगा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई राष्ट्रीय नेताओं ने केरल में जमकर चुनाव प्रचार किया। केरल में 2.61 करोड़ लोग मतदान करने के पात्र हैं और वे 140 विधायकों का 16 मई को चुनाव करेंगे जिसके लिए 1203 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं जिनमें से 109 महिला उम्मीदवार हैं। राज्य में चुनाव प्रचार में कई राष्ट्रीय स्तर के नेताओं ने हिस्सा लिया। चुनाव प्रचार के दौरान सौर घोटाला और बार घोटाला चर्चा में रहा और मोदी के केरल की सोमालिया से तुलना वाले बयान से विवाद भी उत्पन्न हुआ। लीबिया में फंसी केरल की नर्सों को वापस स्वदेश लाने के खर्च से जुड़े मुद्दे पर भी भाजपा और चांडी में आरोपों के तीर चले। केरल में भाजपा इस बार श्री नारायण धर्म परीपालन योगम द्वारा बनाई गई नई पार्टी भारत धर्म जन सेना के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है।
तमिलनाडु के 234 विधानसभा चुनाव क्षेत्रों के पांच करोड़ 79 लाख मतदाता मुख्यमंत्री पद के चार दावेदारों, अन्नाद्रमुक की जे जयललिता, द्रमुक के एम. करूणानिधि, डीएमडीके के विजयकांत और पीएमके के अंबुमणि रामदास समेत 3776 उम्मीदवारों की चुनावी किस्मत का फैसला करेंगे। चुनाव प्रचार का शोर आज शाम पांच बजे थम गया। राज्य में बहुपक्षीय चुनाव हो रहा है। अन्नाद्रमुक, द्रमुक, पीडब्ल्यूएफ-डीएमडीके-टीएमसी गठबंधन, भाजपा नीत गठबंधन और पीएमके चुनाव में उतरे हैं। जयललिता लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री बन कर राज्य में एक इतिहास रचने की कोशिश में हैं। राज्य में 32 जिलों की 234 विधानसभा क्षेत्रों में 65,616 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। राज्य के 234 चुनाव क्षेत्रों में से 44 अनुसूचित जातियों के लिए और दो अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित हैं। अन्नाद्रमुक 227 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। द्रमुक ने कांग्रेस और कुछ अन्य छोटी पार्टियों के साथ गठबंधन बनाया है। द्रमुक 180 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। द्रमुक और भाजपा दोनों ने शराबबंदी और भ्रष्टाचार को अपना चुनावी मुद्दा बनाया है, जयललिता ने अपनी सरकार के पांच साल के प्रदर्शन पर जनादेश मांगा है।