दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 के लिए अभी मतगणना जारी है। शुरुआती रुझानों में ही दिल्ली में सत्ताधारी आम आदमी पार्टी (आप) आगे चल रही है और दूसरे स्थान पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) है। वहीं, कांग्रेस अब तक खाता भी नहीं खोल पाई है। इस बीच कांग्रेस के नेताओं ने हार मानना भी शुरू कर दिया है।
हार के पीछे कांग्रेस नेताओं ने बताई ये वजह
दिल्ली कांग्रेस प्रमुख सुभाष चोपड़ा ने कहा, "मैं पार्टी के प्रदर्शन की जिम्मेदारी लेता हूं, हम इसके पीछे के कारणों का विश्लेषण करेंगे। हमारे वोट प्रतिशत में गिरावट का कारण भाजपा और आप दोनों द्वारा ध्रुवीकरण की राजनीति है।"
दिल्ली चुनाव में कांग्रेस के प्रदर्शन पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा, "हम पहले से ही इसके बारे में जानते थे। सवाल यह है कि भाजपा का क्या हुआ जो बड़े-बड़े दावे कर रही थी?"
कांग्रेस नेता मुकेश शर्मा ने नतीजों से पहले ही हार स्वीकार कर ली है। उन्होंने ट्वीट किया है कि मैं अपनी हार स्वीकार करते हुए, विकासपुरी विधानसभा क्षेत्र के सभी मतदाताओं व कांग्रेस कार्यकर्ताओं का आभार व्यक्त करता हूं और आशा करता हूं कि क्षेत्र का चौमुखी विकास होगा। मैं भविष्य में भी दिल्ली, विकासपुरी व उत्तम नगर विधानसभा क्षेत्र के चौमुखी विकास के लिए लड़ाई लड़ता रहूंगा।
पिछले विधानसभा चुनाव में आप को मिली थी 70 में से 67 सीटें
वोटिंग खत्म होने के बाद शनिवार शाम आए एग्जिट पोल में आम आदमी पार्टी बहुमत के साथ सरकार बनाती दिख रही है। लेकिन बीजेपी का दावा है कि अंतिम घंटों में हुई बंपर वोटिंग उसके पक्ष में हुई है और ऐसा करने वाले लोग एग्जिट पोल के सैंपल में शामिल नहीं हो पाए हैं। इन दावों और प्रति-दावों के बीच सबकी निगाहें मतगणना पर टिक गई हैं। एग्जिट पोल देखकर उत्साहित आम आदमी पार्टी अपने पिछले चुनाव के नतीजों को दोहराना चाहेगी। वहीं, बीजेपी दो दशक से ज्यादा समय बाद सत्ता में वापसी की राह देख रही हैं। वहीं, कांग्रेस भी वापसी की कोशिश में है। पिछले विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को 70 में से 67 सीटें मिली थीं। तीन सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्ज की थी। कांग्रेस को एक भी सीट हासिल नहीं हुई थी।
बता दें कि एग्जिट पोल के नतीजों में आम आदमी पार्टी को दिल्ली चुनाव में बेहद आसान जीत मिलती दिखी है। इसके अलावा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत आप नेताओं ने भी जीत का भरोसा जताया है।
8 फरवरी को 70 सीटों पर हुआ था मतदान
8 फरवरी को मतदान में 62.59 फीसद लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। यह 2015 के आंकड़े से 5 प्रतिशत कम है। इस चुनाव में 1.47 करोड़ वोटर्स थे, जिसमें से 66.8 लाख महिलाएं और 81.05 लाख पुरुष मतदाता थे। इसके अलावा 869 थर्ड जेंडर वोटर्स थे। दिल्ली की सभी 70 सीटों पर कुल 672 उम्मीदवार चुनाव में उतरे हैं जिनमें 593 पुरूष उम्मीदवारों और 79 महिला प्रत्याशी शामिल हैं। इन 70 सीटों में 12 सीटें एससी के लिए आरक्षित थीं।