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राजस्थान नगर निकाय चुनाव में 1197 में कांग्रेस और 1140 वार्डों में भाजपा जीती, निर्दलीयों को साधने में जुटी पार्टियां

राजस्थान में आज सम्पन्न नगर निकाय चुनाव में कांग्रेस एवं भाजपा में कांटे की टक्कर रही। कांग्रेस ने 1197...
राजस्थान नगर निकाय चुनाव में 1197 में कांग्रेस और 1140 वार्डों में भाजपा जीती, निर्दलीयों को साधने में जुटी पार्टियां

राजस्थान में आज सम्पन्न नगर निकाय चुनाव में कांग्रेस एवं भाजपा में कांटे की टक्कर रही। कांग्रेस ने 1197 वार्डों में जीत दर्ज की है। कांग्रेस कई निकाय भाजपा से छीनने में कामयाब रही है।वहीं, भाजपा 1140 वार्ड, निर्दलीय 634, एनसीपी 46, आरएलपी 13, सीपीआईएम 03 और  बसप के एक प्रत्याशी ने जीत दर्ज की है। निर्दलीय कई बोर्ड बनाने में प्रमुख भूमिका निभायेंगे। बताया जा रहा है कि करीब 25 निकायों में निर्दलीय ही दोनों दलों के भाग्य का फैसला करेंगे और पार्टियां अब निर्दलीयों को साधने में जुट गई हैं। पार्षदों का चुनाव परिणाम रविवार को घोषित होने के बाद अब सात फरवरी को महापौर व चेयरमैन का चुनाव होगा।

राजस्थान में 20 जिलों के 90 नगरीय निकायों में 28 जनवरी को मतदान हुआ था। आज हुई मतगणना में भाजपा  को अजमेर नगर निगम समेत 23 बोर्ड में बढ़त मिली है। वहीं, कांग्रेस के 19 बोर्ड लगभग तय है। टोंक के निवाई और बीकानेर के नोखा में एनसीपी ने जीत हासिल की है। वहीं, बचे हुए 41 बोर्डों में निर्दलीयों की भूमिका अहम रहेगी।

राजस्थान में नगरीय निकायों के कुल 196 बोर्ड हैं। इनमें 10 नगर निगम, 34 नगर परिषद और 152 नगर पालिकाएं हैं। इनमें से 90 बोर्ड के लिए 28 जनवरी को हुए चुनाव में 76.52% वोटिंग हुई थी। बताया जा रहा है कि करीब 25 निकायों में निर्दलीय ही दोनों दलों के भाग्य का फैसला करेंगे।

चुनाव परिणामों पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने संतोष जताया है, वहीं राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा ने प्रेस वार्ता करके कहा कि जनता ने राजस्थान सरकार द्वारा लिए गए जनकल्याणकारी फैसलों, कोरोना काल में किए गए प्रबन्धन एवं पार्टी के कार्यकर्ताओं एवं संगठन द्वारा की गई मेहनत जनसेवा पर आशीर्वाद देते हुए कांग्रेस पार्टी को निकाय चुनाव में शानदार बहुमत दिया है।

डोटासरा ने कहा कि जनता ने निकाय चुनाव में कांग्रेस को 1197 वार्डों में जीत दिलाकर भारतीय जनता पार्टी की जमीन को खिसका दिया। उन्होंने कहा कि विगत् चुनावों में भाजपा के 60 निकायों में प्रमुख थे और सात फरवरी को होने वाले अध्यक्षीय चुनाव में भाजपा को आधे निकायों में भी बहुमत नहीं मिल पायेगा, जबकि कांग्रेस 50 से ज्यादा बोर्ड बनाने की ओर अग्रसर है।

उधर, भाजपा ने भी अपनी जीत का दावा करते हुए कहा है कि जनता ने 90 में से 71 निकायों में कांग्रेस को शिकस्त दी है, उसे मात्र 19 में स्पष्ट बहुमत है जबकि भाजपा को 23 में स्पष्ट बहुमत मिला है।

भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. पूनियां ने कहा कि इन नतीजों से मुख्यमंत्री गहलोत 1948 के आँकड़े और प्रतिशत निकालेंगे और कहेंगे कि नेहरू जी के जमाने में हमें इतना बहुमत मिला था, लेकिन हकीकत यह है कि पहली बार सत्ताधारी दल को इतनी बड़ी हार मिली है। उन्होंने कहा कि 29 लाख मतदाताओं में से 22 लाख वोट पड़े, जिनमें से 14 लाख से अधिक वोट कांग्रेस के खिलाफ पडे़, जो सत्ता के खिलाफ बड़ा वोट प्रतिशत है। 34.5 प्रतिशत वोट भाजपा को, 64.57 प्रतिशत कांग्रेस के खिलाफ वोट पड़े, इसके बाद भी ये खुद की झूठी पीठ थपथपा रहे हैं। राजस्थान के हृदय स्थल अजमेर नगर निगम में कांग्रेस को शिकस्त मिली और भाजपा को बहुमत, 9 नगर परिषद में से 1 में कांग्रेस जीती और आठ में हारी और भाजपा 4 में जीती।

डॉ पूनियां ने कहा कि गोविन्द डोटासरा कह रहे हैं कि 50 निकायों में बोर्ड बनायेंगे, जबकि जीते 19 हैं, माकन और डोटासरा बतायें कि 50 का जादू कैसे करेंगे। इसका मतलब सरकारी मशीनरी का दुरूपयोग कर निर्दलीयों को प्रभावित करने की कोशिश करेंगे, जो उनकी पहले से फितरत है।

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