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विधानसभा चुनाव’24 इंटरव्यू/ भूपेंद्र सिंह हुड्डा: कांग्रेस में कोई बगावत नहीं

हरियाणा से भाजपा जा रही है, पूर्ण बहुमत से कांग्रेस की सरकार बनने जा रही है   दस साल विपक्ष की भूमिका...
विधानसभा चुनाव’24 इंटरव्यू/ भूपेंद्र सिंह हुड्डा: कांग्रेस में कोई बगावत नहीं

हरियाणा से भाजपा जा रही है, पूर्ण बहुमत से कांग्रेस की सरकार बनने जा रही है

 

दस साल विपक्ष की भूमिका में रही कांग्रेस जिला स्तरीय संगठनों के बगैर ही चुनाव में उतरी है। मुख्यमंत्री पद की चाह में भूपेंद्र सिंह हुड्डा और एसआरबी (सेलजा, रणदीप, बीरेंद्र) गुट में भितरघात की आशंका बनी हुई है। उनके चुनाव प्रचार भी जुदा–जुदा हैं और टिकटों के लिए घमासान भी छिड़ा। इन तमाम चुनौतियों को नकारते हुए कांग्रेस की बड़ी जीत के प्रति आश्वस्त पूर्व मुख्यमंत्री तथा नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा से आउटलुक के एसोसिएट एडिटर हरीश मानव की बातचीत के प्रमुख अंश:

 

आप पूरे हरियाणा में चुनाव प्रचार कर रहे हैं। क्या मूड है?

 

हरियाणा से भाजपा जा रही है, पूर्ण बहुमत से कांग्रेस की सरकार बनने जा रही है। हरियाणवियों ने भाजपा के दस साल के कुशासन से मुक्त होने का मन बना लिया है।

 

इस चुनाव में कांग्रेस के समक्ष क्या चुनौतियां हैं?

 

चुनौतियां तो हर चुनाव में होती हैं पर कांग्रेस एकजुट होकर मजबूती से मैदान में डटी है। कांग्रेस के साथ हरियाणा की 36 बिरादरी के लोग हैं।

 

किन मुद्दों और वादों को लेकर आप जनता के बीच जा रहे हैं?

 

नॉन स्टॉप हरियाणा की बात करने वाली भाजपा सरकार में बेरोजगारी, महंगाई, अपराध नॉन स्टॉप रहा है। किसान, जवान, पहलवान से लेकर कारोबारी तक सब त्रस्त हैं। दो लाख से अधिक सरकारी नौकरियों के पद खाली हैं। भ्रष्टाचार के अड्डे हरियाणा कौशल रोजगार निगम को बंद किया जाएगा। कांग्रेस की सरकार बनते ही पहले साल में एक लाख पक्की सरकारी नौकरियां दी जाएंगी। किसानों को एमएसपी की गारंटी, वृद्धावस्था पेंशन 6000 रुपये महीना, 25 लाख रुपये का चिकित्सा बीमा, 300 यूनिट मुफ्त बिजली, 500 रुपये में रसोई गैस सिलेंडर, जैसी सात गारंटियां कांग्रेस के घोषणापत्र में हैं। भाजपा ने कांग्रेस की ही कई सारी गारंटियां चुरा कर अपने संकल्प-पत्र में डाल लिया है।

 

कहा जा रहा है कि 70 से ज्यादा उम्मीदवार आपके खेमे के हैं? आप मुख्‍यमंत्री पद के लिए कितने आश्‍वस्‍त हैं?

 

कांग्रेस में कोई खेमेबंदी नहीं है। सभी कांग्रेस के सशक्त उम्मीदवार हैं। चुने हुए विधायकों की राय के बारे में पार्टी के ऑर्ब्जवर आलाकमान को अवगत कराएंगे और उसके आधार पर आलाकमान मुख्यमंत्री तय करेगा।

 

बागियों की बड़ी जमात कांग्रेस उम्मीदवारों के खिलाफ खड़ी हो गई है। बगावत की इस चुनौती से कैसे निपटेंगे?

 

कांग्रेस में कोई बगावत नहीं है। सभी एकजुट होकर चुनाव प्रचार में लगे हैं। टिकट के लिए 2,500 से अधिक लोगों ने आवेदन किया था। नामांकन वापसी के आखिरी दिन तक ज्यादातर ने नामांकन वापस ले लिया है।

 

विनेश फोगाट को कांग्रेस ने जुलाना से मैदान में उतारकर यह संदेश दिया है कि कहीं न कहीं खिलाड़ियों के पीछे सियासत काम करती है?

 

किन्हीं कारणों से विनेश ओलंपिक में जीते हुए गोल्ड मेडल से चूक गईं। ऐसे में भावनात्मक रूप से उन्हें समर्थन देने के लिए पार्टी ने उम्मीदवार बनाने का फैसला किया। देश के जुझारू खिलाड़ियों के साथ खड़ी कांग्रेस ने खेल-खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष नीतियां बनाईं, जिसके परिणामस्वरूप ओलंपिक खेलों में भारत को मिले छह पदकों में से चार हरियाणा के खिलाड़ियों ने जीते हैं।

 

पार्टी आलाकमान की राय के बावजूद आम आदमी पार्टी के साथ कांग्रेस का गठबंधन सिरे नहीं चढ़ा?

 

राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस का आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन है पर प्रांतीय स्तर पर गठबंधन कभी नहीं हुआ। प्रयास हमने भी किए थे लेकिन गठबंधन नहीं हो सका। मुकाबला सीधे कांग्रेस और भाजपा के बीच है। वोटकाटू पार्टियों से बचते हुए हरियाणा के लोगों ने कांग्रेस की सरकार लाने का मन बना लिया है।

 

एक तरफ आप, दीपेंद्र हुड्डा और प्रदेश अध्यक्ष उदयभान ‘हरियाणा मांगे हिसाब’ यात्राएं निकाल रहे हैं जबकि सैलजा, बीरेंद्र सिंह और रणदीप सुरजेवाला अलग से ‘परिवर्तन रैलियां’ कर रहे हैं। हरियाणा कांग्रेस के सभी नेता एक मंच पर कभी एक साथ नजर क्‍यों नहीं आए?

 

मौजूदा सरकार की नाकामियों को उजागर करने के लिए कांग्रेस के सभी नेता जनता के बीच जा रहे हैं। कहीं कोई मनभेद नहीं है। हरियाणा को भाजपा के कुशासन से निकालने के लिए कांग्रेस के सभी सिपाही एकजुट हैं।

 

हरियाणा के सिर 4.5 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है। ऐसे में आपकी पार्टी की सरकार बनने पर घोषणा-पत्र में किए गए लोकलुभावन वादे पूरे करना कड़ी चुनौती होगी?

 

2014 में कांग्रेस की सरकार के वक्त 70,000 करोड़ रुपये का कर्ज था जिसे भाजपा की दस साल की सरकार ने छह गुना से अधिक बढ़ाकर साढे़ चार लाख करोड़ रुपये से अधिक कर दिया है। कांग्रेस सरकार की प्राथमिकता राज्य की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के साथ घोषणापत्र में शामिल लोककल्याण योजनाओं को भी सुचारु रूप से लागू करने की होगी।

 

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