Advertisement

झारखंड उप चुनाव: अपनी साख बचाने में कामयाब रहे हेमंत सोरेन, दोनों सीटों पर महागठबंधन का कब्जा

झारखंड में दो विधानसभा सीटों दुमका और बेरमो के उपचुनाव में हेमंत सोरेन अपनी प्रतिष्‍ठा बचाने में सफल...
झारखंड उप चुनाव: अपनी साख बचाने में कामयाब रहे हेमंत सोरेन, दोनों सीटों पर महागठबंधन का कब्जा

झारखंड में दो विधानसभा सीटों दुमका और बेरमो के उपचुनाव में हेमंत सोरेन अपनी प्रतिष्‍ठा बचाने में सफल रहे। दोनों सीटों पर महागठबंधन के उम्‍मीदवारों ने पुन: अपनी सीट पर कब्‍जा किया। भाजपा के दोनों उम्‍मीदवारों को पराजय का मुंह देखना पड़ा। भाजपा का नया नेतृत्‍व अपना चमत्‍कार नहीं दिखा सका।

दुमका में हेमंत सोरेन के भाई झामुमो के बसंत सोरेन ने भाजपा की लुईस मरांडी को 8642 मतों से पराजित किया। यह सीट खुद मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन की छोड़ी हुई सीट थी। वहीं, बेरमो में कांग्रेस के जयमंगल सिंह उर्फ अनूप कुमार सिंह ने भाजपा के योगेश्‍वर महतो बाटुल को 14225 मतों से पराजित किया। कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता राजेंद्र सिंह की मौत से बेरमो सीट खाली हुई थी। राजेंद्र सिंह यहां से छह टर्म विधायक रहे। राजेंद्र सिंह के निधन के बाद उनके पुत्र जयमंगल सिंह चुनाव मैदान में थे। इस तरह सोरेन परिवार और सिंह परिवार दोनों अपनी विरासत बचाने में कामयाब रहे।  दुमका में लुईस मरांडी और बेरमो में योगेश्‍वर बाटुल को दोबारा पराजय का मुंह देखना पड़ा। 2019 के विधानसभा चुनाव में भी ये इसी सीट से पराजित हुए थे।

नहीं दिखा सका करामात

चुनाव में भाजपा का रवैया आक्रामक था। अपशब्‍द से लेकर हर मोर्चे पर विफलता को लेकर हेमंत सरकार पर गंभीर आरोप लगे मगर कारगर नहीं रहा। भाजपा का नया नेतृत्‍व उप चुनाव में अपना कोई चमत्‍कार नहीं दिखा सका। भाजपा गठबंधन की ताकत भी नहीं दिखी। पिछले विधानसभा चुनाव में बाबूलाल मरांडी की पार्टी झारखंड विकास मोर्चा और सुदेश महतो की पार्टी आजसू अलग-अलग लड़ी थी। उप चुनाव में आजसू का साथ था तो बाबूलाल मरांडी अपनी पार्टी का भाजपा में विलय कर विधायक दल का नेता बन गये हैं। 2019 के चुनाव में दुमका सीट से भाजपा की लुईस मरांडी हेमंत सोरेन से 13188 वोटों से हारी थीं। उप चुनाव में यह आंकड़ा 6842 का है। जबकि पिछले चुनाव में झारखंड विकास मोर्चा के टिकट पर लड़ने वाली अंजुला मूर्मू 3156 वोट काट ले गई थीं। 2019 के विधानसभा चुनाव में बेरमो से कांग्रेस के राजेंद्र सिंह ने भाजपा के योगेश्‍वर महतो बाटुल को 25172 वोटों से पराजित किया था। उप चुनाव में जयमंगल ने भाजपा के योगेश्‍वर बाटुल को 14225 मतों से पराजित किया है। याद रखने की बात है कि उस समय बेरमो से आजसू के उम्‍मीदवार काशीनाथ सिंह 16546 वोट लाये थे। उप चुनाव में आजसू भाजपा के साथ थी। इस तरह उप चुनाव में वोटों के कम अंतर से हारने की दलील में बहुत दम नहीं दिखता। बाबूलाल मरांडी के बारे में लोगों की समझ है कि संताल के आदिवासियों में उनकी अच्‍छी पकड़ है। बाबूलाल के भाजपा विधायक दल का नेता बनने और दीपक प्रकाश के पार्टी का सांसद और प्रदेश अध्‍यक्ष बनने के बाद चुनाव का पहला मौका था। वहीं पूर्व मुख्‍यमंत्री रघुवर दास के अपदस्‍थ होने के बाद यह पहला चुनाव था। हाल ही पार्टी ने उन्‍हें राष्‍ट्रीय उपाध्‍यक्ष भी बनाया और रघुवर दास भी चुनाव क्षेत्र में गरजते रहे। मगर लगता नहीं है कि भाजपा का नया नेतृत्‍व अपनी रणनीति या कोई चमत्‍कार दिखाने में कामयाब रहा। हालांकि जीत का जश्‍न, दलील और पराजय की सफाई का दौर शुरू है।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad