Advertisement

जोधपुर में बिना लड़े ही पीएम और सीएम के बीच कड़ा मुकाबला

राजस्थान के जोधपुर लोकसभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। यहां से...
जोधपुर में बिना लड़े ही पीएम और सीएम के बीच कड़ा मुकाबला

राजस्थान के जोधपुर लोकसभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। यहां से उनके पुत्र वैभल गहलोत कांग्रेस के प्रत्याशी हैं। गहलोत ने जीत सुनिश्चित करने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। जबकि भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां रैली करके इस क्षेत्र की अहमियत बता दी है। लोगों को लगता है कि यहां बिना लड़े ही पीएम मोदी और सीएम गहलोत के बीच मुकाबला है। वैले भाजपा गहलोत पर सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग का आरोप लगा रही है।

मुकाबला सीएम के पुत्र और केंद्रीय मंत्री के बीच

वैभव इस सीट से पहली बार चुनाव लड़ रहे है। यहां से गहलोत 1980 से पांच बार चुनाव जीत चुके हैं। वैभल का मकाबला भापजा के प्रत्याशी और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से है। यहां के करीब 20 लाख मतदाता 29 अप्रैल को प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे। इस सीट के महत्व को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शेखावत के समर्थन में जन सभा को संबोधित किया। उन्होंने गहलोत को निशाना बनाते हुए कहा कि वह अपने बेटे की जीत के लिए जोधपुर की गली-गली में घूम रहे हैं। इस पर गहलोत ने भी तुरंत जवाब दिया कि कोई भी पिता अपने बेटे के लिए यही करता है। कोई भी पिता ऐसा नहीं होगा जो अपने बेटे के लिए मेहनत न करे। लेकिन मोदी इस बात को समझ नहीं सकते हैं।

गहलोत और मोदी लगा रहे हैं जोर

गहलोत हर चुनावी रैली में मोदी पर हमला करते सुनाई देते हैं। वह कहते हैं कि प्रधानमंत्री वास्तविक मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए जानबूझकर राष्ट्रवाद की बात उठाते है। वह विकास के मुद्दे को चर्चाओं में लाने के लिए नौकरी और कृषि क्षेत्र के संकट को लेकर मोदी पर सवाल उछालते है। जोधपुर के मतदाताओं से बात करें तो यहां लगता है कि प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री गहलोत यहां चुनाव लड़े बगैर ही एक-दूसरे को टक्कर दे रहे हैं। दोनों के लिए यह सीट अहम हो गई है। भाजपा जहां मोदी फैक्टर और राष्ट्रवाद से आस लगाए बैठी है, वहीं गहलोत यहां अपनी प्रतिष्ठा और सम्मान के लिए पूरा जोर लगा रहे है।

मिशन 25 दोहराने का भाजपा का प्रयास

भाजपा राजस्थान में मिशन 25 को दोहराने के लिए काम कर रही है। उसने 2014 में यहां की सभी 25 सीटों पर कब्जा कर लिया था। गहलोत भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं। वह हर दूसरे दिन वर्गों में प्रचार कर रहेहैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि गहलोत सभी समुदायों के नेताओं की बैठकें बुला रहे हैं। हाल में उन्हों ने पहला जनजातियों का सम्मेलन बुलाया ताकि अपने बेटे के लिए जातीय समीकरण साध सकें।

सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग का आरोप लगा रही भाजपा

हालांकि शेखावत कहते हैं कि प्रतिबद्ध वोट बैंक ने पिछले चुनाव में भी कांग्रेस का समर्थन किया था, फिरभी भाजपा ने जीत हासिल की थी। वह आरोप लगाते हैं कि मुख्यमंत्री अपने बेटे की जीत के लिए ताकत का इस्तेमाल कर रहे हैं और सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग कर रहे हैं। इसके जवाब में गहलोत कहते हैं कि उन्होंने उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट और अन्य नेताओं के साथ पूरे राज्य में प्रचार किया है। जोधपुर भी इसमें कोई अपवाद नहीं है।

मुकाबले की अहमियत

जमीनी स्तर पर मतदाताओं को भी इस मुकाबले की अहमियत दिखाई दे रही है। एक विक्रेता जगदीश सांखला का कहना है कि मुख्यमंत्री के पुत्र की उम्मीदवारी से यहां कड़ी टक्कर दिखाई दे रही है। शेखावत के लिए मोदी के प्रचार से प्रतीत होता है कि इस सीट पर पीएम मोदी और सीएम गहलोत के बीच मुकाबला हो रहा है। शेखावत का कहना है कि जिस तरह से गहलोत प्रचार कर रहे हैं, उससे उनकी मनः स्थिति का पता चलता है कि उनके कैंप में घबराहट है। वह दिन-रात गहलोत की गलियों में प्रचार कर रहे हैं। वह महज एक सीट के लिए बाकी सभी 24 सीटों को दांव पर लगा रहे है। उनका कहना है कि यह चुनाव सरकार बनाम कार्यकर्ता और आम आदमी हो गया है। यह चुनाव सीएम के पुत्र और आम आदमी के बेटे के बीच है।  

पिता की तरह सेवा करना चाहते हैं वैभव

शेखावत जहां राष्ट्रवाद पर जोर दे रहे हैं और मोदी फेक्टर का फायदा उठाने का प्रयास कर रहे हैं, वहीं वैभव कह रहे हैं कि लोगों को उन्हें सेवा करने का अवसर वैसे ही देना चाहिए जैसे उनके पिता को कई बार मौका दिया। वह लोगों से वोट मांगते हुए कहते हैं कि हम आपकी सेवा करेंगे और आपके सम्मान की रक्षा करेंगे। कृपया हमें वोट दीजिए और प्रतिनिधित्व करने का अवसर दीजिए। हम संसद में आपकी आवाज उठाएंगे। 38 वर्षीय वैभव कहते हैं कि वह अपने पिता के लिए जोधपुर में पहले भी प्रचार करते रहे हैं और पिछले 15 वर्षों से संगठन के लिए काम करते रहे हैं। इसी वजह से पार्टी ने उन्हें अवसर दिया है। वह कहते हैं कि वह अपने क्षेत्र की वैसे ही सेवा करना चाहते हैं जैसे उनके पिता करते रहे हैं।

सीएम के पुत्र की अपील का कितना होगा असर

एक पुत्र की अपील स्थानीय लोगों पर कितना भावनात्मक असर डालती है, यह एक व्यवसायी भगवान दास के बयान से जाहिर होता है। वह कहते हैं कि अगर सीएम का पुत्र हार जाता है तो यह खुद सीएम की हार होगी। उन्हें नहीं लगता है कि लोग ऐसे होने देंगे। यह गहलोत से सम्मान का सवाल है। यह सीएम का क्षेत्र है। लेकिन एक अन्य स्थानीय निवासी कैलाश का कहना है कि शिव सेना बाल ठाकरे के बाद मोदी ही भारत में निर्णायक नेता के तौर पर उभरे है। पीएम मोदी ने पाकिस्तान के हमले से भारत के सम्मान को बचाया। उनकी नीतियों के कारण ही भारतीय वायु सेना का पायलट एक दिन में ही वापस मिल गया। उन्हें लोग पीएम के रूप में दोबारा क्या नहीं चुनेंगे।

जोधपुर में राष्ट्रवाद प्रमुख मुद्दा

बीजेपी को उम्मीद है कि जोधपुर में लोग राष्ट्रवाद के मुद्दे को समर्थन देंगे। शेखावत के अनुसार राष्ट्रवाद के अलावा यहां कोई मुद्दा नहीं है। 2014 में लोगों ने मोदी में एक उम्मीद देखी थी। आज वे देख रहे हैं कि मोदी वायदा पूरे कर सकते हैं। कई स्थानीय लोग इससे सहमत दिखाई देते हैं। है। एक स्थानीय विक्रेता सुनील खन्ना का मानना है कि मोदी ने अच्छा काम किया है।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad