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जनादेश ’24 /हिमाचल प्रदेश: कंगना का चुनावी कैटवॉक

मंडी का सियासी अखाड़ा देवभूमि की गरिमा को ठेस पहुंचा रहा लोकसभा के राजनीतिक अखाड़े में एक्ट्रेस कंगना...
जनादेश ’24 /हिमाचल प्रदेश: कंगना का चुनावी कैटवॉक

मंडी का सियासी अखाड़ा देवभूमि की गरिमा को ठेस पहुंचा रहा

लोकसभा के राजनीतिक अखाड़े में एक्ट्रेस कंगना रनौत बॉलीवुड का अपना मोह नहीं छोड़ पा रही हैं। पिछले साल भर से स्थानीय नेताओं के साथ जिस तरह वे हिमाचली वेशभूषा में दिख रही थीं, उसी से एहसास था कि कंगना हिमाचल में रंग जमाएंगी। बॉलीवुड में उनका जिस तरह दबंग अंदाज है, हिमाचल में चुनाव प्रचार के दौरान भी उनके तेवर वैसे ही कड़े हैं। यहां उनके तेवर और उनके परिधान दोनों की ही बराबर से चर्चा हो रही है। 

बोलने से न चूकने वाली कंगना ने धाकड़, मणिकर्णिका, क्वीन और तेजस में जैसे किरदार निभाए हैं, उसका अक्स उनके राजनीतिक भाषणों में भी साफ दिख रहा है। मंच से दहाड़ कर वे कांग्रेस प्रत्याशी और विपक्ष को जिस तरह के वाक्यों और शब्दावली से निशाना बना रही हैं, वह देवभूमि के लोगों को अचरज में डाल रहा है। एक सभा में कंगना ने कहा कि कांग्रेस के बड़े पप्पू और छोटे पप्पू को पता नहीं चलता। ऐसा नहीं है कि उनका वार सिर्फ विरोधियों के लिए ही है। बड़बोली कंगना ने भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को उस वक्त बगलें झांकने पर मजबूर कर दिया, मंडी में उन्होंने कहा, ‘‘हिमाचल में भाजपा अपनी गलतियों से बहुत कम अंतर से हार गई।’’ 

अलग-अलग अंदाज में कंगना

अलग-अलग अंदाज में कंगना

शांत और शालीन प्रदेश में अकसर मंच पर नेता सभ्य तरीके से अपनी बात रखते हैं। छह बार मुख्यमंत्री रहे कांग्रेस के नेता वीरभद्र सिंह अपने सौम्य मिजाज के कारण ही जनता के दिलों पर राज करते थे। भाजपा के मुख्यमंत्री रहे जयराम ठाकुर को भी विनम्र व्यवहार के लिए जाना जाता है। मुख्यमंत्री सुक्खू हों, शांता कुमार या प्रेम कुमार धूमल किसी ने भी तीखे, अभद्र या गलत वाक्यों का प्रयोग नहीं किया। यह पहला अवसर है जब मंडी संसदीय क्षेत्र से राजनीति का अखाड़ा देवभूमि की गरिमा को ठेस पहुंचा रहा है।

इससे मंडी में कंगना का क्वीन अक्स धूमिल हो रहा है। अपने हिमाचली पहनावे की ब्रॉडिंग और प्रचार के दौरान भी शूटिंग का आरोप झेलने वाली दबंग मिजाज कंगना हर बात से बेपरवाह विक्रमादित्य पर तीखे वार कर रही हैं। वे जहां भी जा रही है, वहां की स्थानीय पोषाक के साथ खूब अच्छे से तैयार होकर जाती हैं।

पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए यह नई बात है कि कोई उम्मीदवार अपने साथ मेकअप और क्षेत्र के हिसाब से कपड़े तैयार करने वाली टीम साथ लेकर चल रहा हो। कंगना के साथ निजी सुरक्षा टीम और फिल्म निर्देशन करने वाली मंडली भी है। फिल्मी स्टाइल में कैंपेन करने पर चुटकी ले रहे विपक्ष से भी कंगना को कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। विक्रमादित्य सिंह ने कहा, ‘‘यह फिल्म की शूटिंग नहीं है। अगर आप मोदी से प्रदेश के लिए 9 हजार करोड़ रुपये पेंशन की इजाजत ले आईं, तो मैं आपका मुरीद हो जाऊंगा।’’ कंगना भाषणों में प्रधानमंत्री मोदी का नाम ले रही हैं।

उनके मॉडलिंग के समय की तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर वायरल की गई थीं। मॉडलिंग और कपड़ों के मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए ही कंगना ने पांगी इलाके में पांगी ड्रेस पहनी। वे जब किन्नौर गईं, तो बाकायदा वहां के परंपरागत परिधान में सज कर मंच पर गई। इसी तरह मंडी में सूट, साड़ी और रामपुर में ढाटू और रेजटा पहनावे में पहुंच गई। दरअसल कंगना जिस मंडी संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ रही हैं उसमें 17 विधानसभा में से तीन आदिवासी बहुल विधानसभा सीटें हैं। लाहौल स्पीति, पांगी और किन्नौर। ये तीनों ही सीटें परंपरागत तौर पर कांग्रेस, खासकर राजपरिवार के साथ रही हैं। इसलिए ये क्षेत्र कंगना के लिए चुनौती हैं।

रामपुर पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और वर्तमान में उनके बेटे विक्रमादित्य के दबदबे वाला क्षेत्र है। विक्रमादित्य को रामपुर बुशहर रियासत का बेटा और राजा कहा जाता है। जाहिर है ऐसे में कंगना को दिखाना होगा कि वे भी ‘बाहरी’ नहीं है। यही कारण है कि ऐसे क्षेत्रों में वे अपने परिधान को ‘ढाल’ बना रही हैं।

इस सबके बीच उनका लवाजमा भाजपा के कार्यकर्ताओं के लिए मुसीबत बनता जा रहा है। कंगना और उनकी पूरी टीम को ठहरने के लिए बड़ी संख्या में कमरों की जरूरत होती है। हालांकि उनकी जीत का दारोमदार पार्टी के वरिष्ठ लोगों और कार्यकर्ताओं पर है। कंगना को टिकट मिलते ही भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर कंगना से मिलने उनके घर गए थे। 

विक्रमादित्य अपनी मां और पिता द्वारा मंडी में चार दशक से किए गए काम और नौकरियां दिलाने का दम भर रहे हैं। मंडी का चुनावी रंग अभी और चमकेगा।

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