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इन 5 सीटों पर गजब का समीकरण, पिछली बार 36 वोट से खुल गई थी किस्मत

लोकसभा चुनाव के चार चरणों के चुनाव होने के बाद अब बाकी बचे तीन चरणों के प्रचार के लिए सभी राजनीतिक...
इन 5 सीटों पर गजब का समीकरण, पिछली बार 36 वोट से खुल गई थी किस्मत

लोकसभा चुनाव के चार चरणों के चुनाव होने के बाद अब बाकी बचे तीन चरणों के प्रचार के लिए सभी राजनीतिक पार्टियां एड़ी-चोटी का जोर लगाने में लगी हुई हैं।  पांचवे चरण के लिए 7 राज्यों की 51 सीटों के लिए चुनाव प्रचार का अंतिम दिन है। पांचवें चरण में कुछ सीटें ऐसी हैं जहां पर सत्ता में दोबारा वापसी के लिए कोशिश कर रही बीजेपी को कड़ी मेहनत करने की जरूरत है या ये कहें कि इन सीटों पर पार्टी को कड़ी टक्कर मिल सकती है। इन पांच सीटों पर भाजपा ने 2014 के लोकसभा चुनाव में पांच प्रतिशत या कहें कि उससे भी कम वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी।

ये पांच सीटें हैं- कौशांबी (उत्तर प्रदेश), मधुबनी (बिहार), करौली-धौलपुर (राजस्थान), लद्दाख (जम्मू-कश्मीर), और सतना (मध्य प्रदेश), जहां पर पांचवें चरण में मतदान होना है। पिछले लोकसभा चुनाव में इन पांचों सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्ज की थी।

एक नजर डालिए इन पांचों सीटों पर 

उत्तर प्रदेश की कौशांबी सीट

उत्तर प्रदेश की कौशांबी लोकसभा सीट पर भी बीजेपी के सामने सपा-बसपा गठबंधन कड़ी चुनौती पेश कर रहा है। अगर महागठबंधन अपने वोटरों को साधने में कामयाब होता है तो बीजेपी के लिए यह सीट बचा पाना मुश्किल हो सकता है। 2014 में इस सीट पर बीजेपी के विनोद कुमार सोनकर ने 42,900 वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी। इस बार भी सोनकर बीजेपी के टिकट पर मैदान में हैं।

बिहार की मधुबनी सीट

बिहार की मधुबनी सीट पिछले दो चुनावों से बीजेपी के पास है। इस बार बीजेपी यहां तीसरी बार वापसी के लिए मैदान में डटी हुई है। 2014 में जहां हुकुम देव नारायण ने राजद के अब्दुल बारी सिद्दीकी को 20 हजार 535 वोटों के अंतर से हराया था। वहीं, इस बार बीजेपी ने चार बार सांसद रह चुके हुकुम देव नारायण के बेटे अशोक यादव को टिकट दिया है। अशोक यादव का मुकाबला महागठबंधन प्रत्याशी बद्री पुर्बे से है।

राजस्थान की करौली-धौलपुर सीट

इस सीट पर बीजेपी का सीधा मुकाबला कांग्रेस से है। 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के मनोज राजोरिया ने कांग्रेस प्रत्याशी लेखीराम को 27,216 वोटों के अंतर से हराया था। 2009 के चुनाव में यहां पर कांग्रेस प्रत्याशी लाल बैरवा ने मनोज राजोरिया को हराया था। इस बार मनोज राजोरिया का मुकाबला कांग्रेस प्रत्याशी संजय कुमार जाटव से है।

जम्मू-कश्मीर की लद्दाख सीट

भौगोलिक रूप से देखा जाए तो लद्दाख भारत की सबसे बड़ी लोकसभा सीट है। 2014 के लोकसभा चुनाव में इसे बीजेपी के थुपस्तान छवांग ने मात्र 36 वोट के अंतर से जीती थी। इस बार बीजेपी के लिए यहां पर मुकाबला आसान नहीं होगा, क्योंकि छवांग ने पिछले साल संसद और पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था।

बेहद मामूली अंतर से जीत के अलावा बीजेपी इसलिए भी यहां दबाव में है क्योंकि कारगिल और लेह के निकाय चुनावों में भी बीजेपी का प्रदर्शन काफी कमजोर था। वहीं, 2018 में हुए निकाय चुनाव की बात करें तो यहां बीजेपी एक भी सीट नहीं जीत पाई थी। 

इस बार बीजेपी ने इस सीट पर जामयांग तेजरिंग नामग्याल को उतारा है। उनका मुकाबला निर्दलीय प्रत्याशी सज्जाद हुसैन से है, जिन्हें पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) और नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) का समर्थन प्राप्त है।

मध्य प्रदेश की सतना सीट

इस सीट पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर मानी जा रही है क्योंकि तीन बार लोकसभा चुनाव जीत चुके बीजेपी सांसद गणेश सिंह ने 2014 में कांग्रेस के अजय सिंह को 8,688 वोटों के अंतर से हराया था। इस बार गणेश सिंह का मुकाबला कांग्रेस के राजाराम त्रिपाठी से है।

लोकसभा चुनाव के पांचवे चरण का मतदान 6 मई को

लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में का मतदान 6 मई यानी मंगलवार को होना है। इस चरण में सात राज्यों- बिहार, जम्मू-कश्मीर, झारखंड, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल की 51 सीटों के लिए मतदान होना है। पांचवें चरण में सभी 50 सीटों पर कुल 656 प्रत्याशियों का भाग्य ईवीएम में कैद होगा।

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