गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर तमाम टीवी चैनलों ने जो एक्जिट पोल दिखाया उसमें सपा और कांग्रेस गठबंधन की सरकार बनते हुए नहीं दिखाया जा रहा है। इसके बाद अखिलेश यादव ने एक वेबसाइट को दिए साक्षात्कार में कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो बसपा के साथ हाथ मिलाया जाएगा। उसके बाद से ही यह कयास लगाया जाने लगा कि प्रदेश में मिली जुली सरकार बनने की संभावनाएं तेज हो गई है। हालांकि कुछ एक्जिट पोल में यह दावा किया गया है कि भाजपा पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बना रही है।
शनिवार को चुनाव के नतीजे आने हैं और उससे पहले सभी सियासी दल गुणा-भाग करने में जुट गए हैं। अगर एक्जिट पोल जो दावे कर रहे हैं उसमें कुछ के दावे को अगर सही माना जाए तो भाजपा को सरकार बनाने के लिए किसी की जरूरत नहीं पड़ेगी। लेकिन त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति में बसपा के समर्थन की जरूरत पड़ेगी। अखिलेश यादव का साफ तौर पर कहना है कि प्रदेश में राष्ट्रपति शासन न लगे और भाजपा की सरकार न बने ऐसी स्थिति में बसपा के साथ मिलकर सरकार बनाया जा सकता है। अब देखना यह है कि शनिवार को कैसा सियासी समीकरण बनता है।